सबगुरु न्यूज़-सिरोही। राजस्थान हाइकोर्ट के निर्देश के प्रकाश में जिला कलेक्टर सिरोही के आदेश के बाद सोमवार को सरूपगंज में आदर्श शिक्षा समिति को आवंटित भूमि को सोमवार को आधिकारिक रूप से राजसात कर लिया गया।
29 अप्रैल को पटवारी द्वारा भरे गए जमाबंदी की इंस्पेक्टर द्वारा जांच के बाद तहसीलदार ने इसकी जमाबन्दी निरस्त करके इसे राजकीय भूमि घोषित कर दिया है। इसकी पालना रिपोर्ट जिला कलेक्टर को भेजे दी गए है। आदर्श शिक्षा समिति को 2004 में सरकार द्वारा शिक्षण कार्य के लिए करीब दो बीघा भूमि सशर्त आवंटित की गई थी।
सरकार द्वारा दी गई शर्तों के अनुसार समिति ने यहां पर तय सीमा में कोई कार्य शुरू नहीं किया। ऐसे में कई कानूनी और न्यायिक प्रक्रियाओं के बाद नीला कलेक्टर के आदेश के अनुसार इसे सोमवार को फिर से राजकीय भूमि घोषित कर दिया गया है।
-मांगी है पुलिस इमदाद
जिला कलेक्टर के आदेशानुसार इस भूमि को 7 दिन में खातेदारी परिवर्तित करके इसका कब्जा लेना था। पिंडवाड़ा तहसीलदार ने बताया कि आज वे लोग कब्जा लेने गए थे। लेकिन मौके पर करीब 200 लोग इकट्ठे किये हुए थे। इसकी सूचना जिला कलेक्टर को दे दी थी।
इस पर भौतिक कब्जा लेने के लिए बड़ी पुलिस इमदाद मांगी गई थी। इमदाद नहीं पहुंच पाई तो कानून व्यवस्था को देखते हुए इमदाद आने के बाद भौतिके कब्जा लिया जाएगा। तहसीलदार मादाराम ने बताया कि नीला कलेक्टर के आदेशानुसार 7 कार्यदिवस के अंदर इस भूमि की खातेदारी चेंज करनी थी और कब्जा लेना था।
उन्होंने बताया कि पटवारी द्वारा भेजी गई खातेदारी परिवर्तन की रिपोर्ट को उन्होंने सेक्शन करके आज भूमि फिर से राजकीय खाते में चढ़ाकर 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर दिया है। अब मात्र बोर्ड लगाकर भौतिक कब्जे का कम रह गया है।
उल्लेखनीय है कि भावरी की ही आदर्श शिक्षा समिति की एक और आदर्श विद्या मंदिर की भूमि का कन्वर्जन किये बिना ही व्यावसायिक इसतेमाल शुरू कर दिए जाने से उस पर भी राजस्थान टिनेंसी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी।