बीजिंग। ताइवान के मंत्रिमंडल ने समलैंगिक जोड़ों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने को लेकर एक ऐतिहासिक विधेयक पारित किया है। ऐसा करने वाला यह पहला एशियाई देश बन गया है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार इस विधेयक के प्रावधानों के तहत इन जोड़ों को एक दंपती की तरह कानूनी सुरक्षा मुहैया कराए जाने की व्यवस्था है।
सेंट्रल न्यूज एजेंसी के अनुसार मई 2017 में शीर्ष अदालत द्वारा समलैंगिक विवाह की वकालत करने वाले संगठनों को असंवैधानिक करार देते हुए प्रतिबंधित कर देने के बाद इस मसले पर दोबारा जोरदार बहस शुरू हुई।
सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव पार्टी (डीपीपी) समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देना चाहती थी लेकिन उसे रूढ़ीवादी समूहों का भारी विरोध झेलना पड़ा। विरोधियों ने कानून में परिवर्तन के खिलाफ जन रैलियां की हैं।
उनका मानना है कि इस बहस ने समाज को बांट दिया है। रूढ़ीवादी नागरिक संहिता में किसी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं। इसके तहत एक पुरुष और महिला के बीच ही शादी की मान्यता है।
संसद में डीपीपी बहुमत में है और उसे उम्मीद है कि 24 मार्च तक विधेयक को कानूनी मान्यता मिल जाएगी। अगर कानून बन गया तो समलैंगिक जोड़ों को उत्तराधिकार एवं पार्टनर की जैविक संतान को गोद लेने समेत वे सभी अधिकार प्राप्त होंगे जो एक शादीशुदा जोड़े को मिलते हैं।