ताइपे। ताईवान समलैंगिक विवाह कानून को मान्यता देने वाला पहला एशियाई देश बन गया है। ताईवान संसद ने शुक्रवार को मतदान के बाद समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दे दी।
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेस पार्टी के केर चिएन-मिंग ने गुरुवार सुबह एक साक्षात्कार में कहा कि यदि समलैंगिक विवाह को 2017 के संवैधानिक फैसले के संबंध में पूरी तरह से नहीं लागू नहीं किया गया तो यह सत्ताधारी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका होगा।
वर्ष 2017 में देश की संवैधानिक अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि समान लिंग वाले युगलों को कानूनी तौर पर विवाह करने का अधिकार है। इस संबंध में संसद को दो वर्षाें का डेडलाइन दिया गया था और उसे इस संबंध में 24 मई तक आवश्यक बदलाव करने थे।
समान लिंग संगठनों को वैध बनाने के लिए सांसदों ने तीन अलग-अलग विधेयकों पर बहस की। तीनों में से सबसे प्रगतिशील सरकारी विधेयक काे बहस के बाद पारित किया गया। राजधानी ताइपे में अदालत की इमारत के बाहर बारिश में सैकड़ों समलैंगिक अधिकार समर्थक ऐतिहासिक फैसले का इंतजार करते रहे।
रुढ़िवादी सांसदों द्वारा प्रस्तुत दो अन्य विधेयक, ‘विवाह-संबंध’ के बजाय ‘समान-यौन पारिवारिक संबंध’ या ‘समान-लिंग मिलन’ के रूप में भागीदारी का उल्लेख करते हैं।
सरकार का विधेयक, जो एकमात्र गोद लेने का अधिकार प्रदान करता है, को 27 के मुकाबले 66 मतों से पारित किया गया। इस विधेयक का बहुसंख्यक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के सांसदों ने समर्थन किया। ताईवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन द्वारा इसे कानून में पारित करने के बाद यह प्रभावी होगा।
ताईवान की शीर्ष अदालत ने फैसला दिया था कि समान-लिंग वाले जोड़ों को विवाह की अनुमति नहीं देना संविधान का उल्लंघन करता है। न्यायाधीशों ने सरकार को दो साल का समय देते हुए 24 मई, 2019 तक आवश्यक बदलाव करने या विवाह समानता लागू करने का समय निर्धारित किया था। मंगलवार को 1000 से अधिक समलैंगिक विवाह समर्थक संसद युआन के बाहर एकत्र हुए थे।