तखतगढ़ (पाली)। तखतगढ़ के इतिहास में रविवार को एक अनोखा कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में एक बहन उषा ने भगवान शिव को वरमाला पहनाकर स्वयं का जीवन समर्पित किया। शादी के गीतों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम में सैकड़ों नगरवसी साक्षी बने।
रविवार को उनके समर्पण जीवन को लेकर बहुमान कार्यक्रम रखा गया। इस बहुमान समारोह में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। दरअसल, ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में शनिवार को शिव को दूल्हे के रूप में स्वीकार करने वाली 450 बेटियों ने सात संकल्प भी लिए। इनके माता-पिता ने भी सात संकल्प लिए।
इस मौके पर महाराष्ट्र प्रांत के नागपुर जिले के आरोली निवासी पिता कंठीराम तुकाराम नान्हे एवं माता दुर्गा कंठीराम नान्हे के दांपत्य जीवन में 30 जून 1989 को उषा बहन का जन्म हुआ।उनकी पढ़ाई नागपुर में हुई। बीए तक पढ़ी उषा बहन के दो भाई है। बीते आठ सालों से तखतगढ़ राजयोग केन्द्र में प्रशिक्षण ले चुकी ब्रह्माकुमारी उषा बहन ने 30 जून को अपने जन्मदिन पर ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में जीवन समपर्ण किया। ब्रह्माकुमारी उषा बहन के जीवन के समपर्ण को लेकर तखतगढ़ कस्बे के सैनिक काॅलोनी स्थित बालिका विद्यालय में बहुमान कार्यक्रम रखा गया।
शोभायात्रा में झलकी आस्था
तखतगढ़ के भूतपूर्व सैनिक कॉलोनी राजयोग केन्द्र से प्रारम्भ होकर कुन्देश्वर महादेव मन्दिर पहुंची। वहां से विभिन्न मार्गो से होते हुए मैन बाजार होते हुए भूतपूर्व सैनिक कॉलोनी राजयोग केन्द्र पहुंची। शोभायात्रा में धर्म की आस्था झलकी।
सकारात्मक सोच से मिलती है उर्जा
तखतगढ़ के ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित समारोह की अध्यक्षता राजयोगी राज ऋषि तपस्वी ब्रह्माकुमार सूर्य भाई ने की। उन्होंने कहा कि सुबह से स्वयं सकारात्मक सोच रखे। जिससे दिनभर नई उर्जा का संचरण होता है। विशेष अतिथि जालोर की राजयोगीनी ब्रह्माकुमारी रंजु दीदी थी। समारोह में विशेष अतिथिहरिपुरी महाराज हेममठ, कवलां एवं युवाचार्य अभयदास महाराज तखतगढ़ थे।
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रतापसिंह बिठिया दूध डेयरी चेयरमैन पाली, ललित रांकावत अध्यक्ष नगरपालिका तखतगढ़ एवं मनोज नामा उपाध्यक्ष नगरपालिका तखतगढ़ ने शिरकत की। राजयोग केंद्र की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी भावना बहन व संचालिका शोभा बहन समर्पण समारोह का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन बालोतरा प्रभारी उमा बहन ने किया। अतिथियों का नीता बहन ने तिलक, मिनातरी बहन द्वारा डूपट्टा, पूजा, रिंकूपमेद एवं विनोद ने हार एवं पवनी बहन एवं भरत भाई व किषोर भाई ने साफा पहनाकर स्वागत किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में दी उम्दा प्रस्तुतियां
उषा बहन के समर्पण को लेकर आयोजित बहुमान कार्यक्रम में बालिका प्रेरणा ने आयो रे सुबह दिन आयो रे…, ईसी कुमारी ने मुबारक हो तूझको.., कुमार आरती ने मैं तो शिव की पुजारिन बनूगी…, गौतम कुमार ने मेरी प्यारी बहना बनेगी दुल्हनियां…, कुमारी परी ने प्रभू यहीं की डोली में…, कुमारी उर्मिला पालकी में होकर सवार चली… सहित अन्य संगीतमय गीतों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में उम्दा प्रस्तुतियां दी।