नई दिल्ली। डिस्कवरी चैनल के प्रसिद्ध प्रोग्राम ‘मैन वर्सेज वाइल्ड’ का ताजा एपिसोड 180 देशों के लोगों के लिए काफी दिलचस्प रहा जिसमें इस एपिसोड के सुपरस्टार बेयर ग्रिल्स के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर आए।
सोवमार की रात को ब्रॉडकास्ट हुए इस शो के दौरान मोदी ने युवाओं को सफलता के कई मंत्र भी दिए। मोदी ने टेलीविजन शो में कहा कि मेरा मन काफी सकारात्मक है। मुझे किसी बात से भय नहीं रहता। इसलिए कभी मुझे असफलता की चिंता नहीं रहती है। युवाओं को सफलता का मंत्र देते हुए मोदी ने कहा कि जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। इसलिए हमेशा ऊपर चढ़ने के बारे में ही सोचना चाहिए।
मोदी ने कहा कि पहले मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला इसके बाद उन्हें देश की सेवा करने का मौका भी मिल गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने लंबे अरसे बाद किसी दूसरे काम के लिए छुट्टी ली है। काम ही मेरी जिम्मेदारी है और पद से ऊपर कुछ नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ने बेयर ग्रिल्स को बताया कि जब वह 17-18 साल के थे, तभी उन्होंने घर छोड़ दिया था। वह दुनिया को समझना चाहते थे। उन्होंने कहा कि मुझे प्रकृति पसंद थी इसलिए हिमालय में गया। वहां के लोगों के साथ काफी वक्त बिताया और कई बड़े तपस्वियों से मिलना हुआ। ऐसे लोगों के साथ रहा जो कम से कम स्त्रोतों में अपना जीवन गुजारते हैं।
इस शो की शूटिंग उत्तराखंड स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क में हुई है। शूटिंग के सिलसिले में शो के होस्ट बेयर ग्रिल्स के साथ मोदी फरवरी में कॉर्बेट पार्क आए थे। तब उन्होंने कॉर्बेट कर्मचारियों और अफसरों के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कॉर्बेट पार्क के बारे भी जानकारी ली।
इस शो को डिस्कवरी नेटवर्क के चैनलों पर दुनिया के 180 से अधिक देशों में दिखाया गया है। शो के टेलीकास्ट होने से कुछ घंटे पहले मोदी ने ट्वीट कर लोगों से इसे देखने की अपील की। उन्होंने ट्वीट किया कि पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन पर प्रकाश डालने के लिए भारत के हरे-भरे जंगल से अच्छा क्या हो सकता है। रात नौ बजे हमें ज्वाइन कीजिए।
गौरतलब है कि मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई नेता रात नौ बजे टीवी देखने की अपील कर चुके थे।
यह भी महज संयोग है कि जिस दिन इस शो की शूटिंग हो रही थी ठीक उसी दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 44 से अधिक जवान मारे गए थे। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद गहरा गए थे।