अजमेर। स्वामी हिरदाराम साहेब की प्रेरणा से सिन्धी समाज महासमिति के तत्वावधान में शनिवार को स्वामी काॅम्पलेक्स में आयोजित समारोह में 103 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को 1 लाख 26 हजार 100 रूपए की स्काॅलरशिप, 50 हजार रूपए कीे शिक्षण सामग्री व उत्कृष्ट छात्र को साइकिल भामाशाओं के सहयोग से भेंट की गई।
समारोह में आशीर्वचन करते हुए शांतानंद उदासीन आश्रम के महंत स्वामी हनुमान राम ने कहा कि समाज के भामाशाह देने को तत्पर है, परन्तु बच्चों को ध्यान लगाकर पढना चाहिए। जिन विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप मिली उन्हें बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि परमात्मा उन सभी की मनोकामना को पूरा करने को तैयार है।
महंत ने भामाशाह को आशीर्वाद देते हुए कहा कि आपने जो राशि इन बच्चों को प्रदान की है वह आने वाले समय में आपके व्यापार को बढाएगी व अगले वर्ष इससे ज्यादा बांटने योग्य बनाएगी।
देवस्थान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर गिरीश वछाणी ने कहा कि हमारी सिन्धु सभ्यता सबसे पुरानी है, इसका हमें गर्व होना चाहिए। हमारे पूर्वजों ने बडी मुशकिलों से विभाजन के पश्चात अपने आप को स्थापित किया है। उनको याद रखते हुए, सिन्धु क्लचर को रिप्रजेडेशन करना चाहिए।
रेवेन्यू बोर्ड के रजिस्ट्रार सुरेश सिन्धी ने बच्चों को प्रशासनिक सेवा में आने के लिए आहवान किया, वह भाषा को आगे रखकर बढने की प्रेरणा दी। सिन्धी सेन्ट्रल पंचायत के महासचिव गिरधर तेजवानी ने कहां कि एकाग्रता से किया गया संकल्प हमेशा पूरा होता है, अपने लक्ष्य को निर्धारित कर अपने जीवन को सार्थक करना चाहिए।
सिन्धी समाज महासमिति के अध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी ने कहां कि स्वामी हिरदाराम जी हमेशा बच्चों को पढाने को जोर देते थे, हम सभी का कर्तव्य बनता है कि बच्चों को आगे बढाने के लिए सभी समाज के भामाशाह को आगे आकर सहयोग प्रदान करना चाहिए।
इससे पहले ईष्ट झूलेलाल, स्वामी हिरदाराम, सरस्वती, भारत माता की मूर्तियों के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। संचालन समिति के महासचिव हरी चन्दनानी ने किया। स्वागत भाषण प्रेम कंवल रमाणी व धन्यवाद समिति के कोषाध्यक्ष भवानी शंकर थदानी ने दिया।
इस अवसर पर प्रेमप्रकाश आश्रम के ट्रस्टी नारायणदास, सांई बाबा मंदिर के ट्रस्टी महेश तेजवानी, नारायण दास हरवाणी, रामचन्द्र गुलाबवाणी, रमेश लख्याणी, किशन हरवाणी, विमला नागराणी राधाकिशन आहुजा, अजित पमनाणी, सोना धनवाणी, सुनील भगताणी, दयाल नवलाणी, रमेश टिलवाणी, महेन्द्र भाजवाणी, हरीराम कोटवाणी, कमल लालवाणी, एम.टी. वाधवाणी, तुलसी भोजवाणी, प्रकाश छबलाणी, किशनचन्द हरवाणी, हरीश गिधवाणी, गोपाल साधवाणी, श्रीचन्द साधवाणी, किशोर नावाणी, प्रकाश हिंगोराणी, किशोर मंगलाणी, गोप मीराणी, नारी बागाणी, गोरधन आतिशबाजी वाले, दिलीप भुराणी, बलराम हरलाणी सहित समाज के प्रतिनिधि और भामाशाह मौजूद रहे।