चेन्नई। तमिलनाडु की एक विशेष अदालत ने सनसनीखेज अयनावरम नाबालिग लड़की दुष्कर्म मामले में 15 आरोपियों को शनिवार को दोषी ठहराया जबकि एक को बरी कर दिया।
विशेष न्यायाधीश आर एन मंजुला ने बाल यौन उत्पीड़न सुरक्षा (पोक्सो) कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपियों को दोषी ठहराया है जबकि एक अन्य आरोपी पी गुनाशेखरन को रिहा कर दिया। सुश्री मंजुला इन दोषियों को शीघ्र ही सजा सुनाएंगी।
इस मामले मेें कुल 17 लोग आरोपी बनाए गए थे। इनमें से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। यह मामला शहर के अयनावरम की निवासी 12 वर्षीय किशोरी से जुड़ा है जिसके साथ वीभत्स रूप से प्लंबर, सुरक्षा गॉर्ड, लिफ्ट ऑपरेटर और घरेलु सहायकों ने मिलकर करीब सात महीने तक दुष्कर्म किया।
आरोपियों में आर रवि कुमार (56), एम सुरेश (32), ए राजशेखर (40), ए ई ब्रॉस (58), बी जे सुगुमारन (65), एन अभिषेक (23), के मुरूगेसु (54), एन परमाशिवम (60), एन पलानी (40), ए जयगणेश (28), पी गुणाशेखरन (55), एन बाबू (36), बी दीनदयालन (50), ए जयरमन (26),ई सूर्या (23), जे राजा (30) और ए उमापति (42) शामिल हैं।
पुलिस ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कुल 70 साक्ष्य एवं सबूत पेश किये। सुनवाई में विशेष लोक अभियोजक एन रमेश ने भाग लिया। सुनवाई के दौरान खराब स्वास्थ्य के चलते एक आरोपी एन बाबू की मौत हो गयी। इसके बाद 16 आरोपियों के खिलाफ यह मामला चला।
शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सभी आरोपियों को यहां मद्रास उच्च न्यायालय स्थित विशेष अदालत में पेश किया गया। न्यायाधीश की ओर से फैसला सुनाने के दौरान किसी भी पत्रकार को अदालत कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। आरोपियों के अदालत कक्ष में पहुंचने के बाद अदालतकर्मी ने कक्ष का दरवाजा बंद कर लिया।