चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने पोंगल त्यौहार के दौरान राज्य में सांड़ों को वश में करने के प्रतीक के तौर पर मनाये जाने वाले सबसे लोकप्रिय खेल आयोजन त्यौहार जल्लीकट्टू को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से संबंधित कुछ प्रतिबंधों के साथ आयोजन करने की बुधवार को अनुमति दे दी।
सरकार की तरफ से यहां बुधवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि सांडों को वश में करने वाले और अन्य जो भी लोग जल्लीकट्टु आयोजन में शामिल होंगे उन्हें सरकारी लैब से मान्यता प्राप्त कोरोना वायरस जांच का नेगेटिव प्रमाण पत्र दिखाना होगा।
बयान में कहा गया कि जल्लीकट्टुम मंजुविरत्तु या वादामादु के आयोजन में 300 से अधिक खेल हिस्साधारियाें काे अुनमति नहीं मिलेगी और इस दौरान केवल पचास प्रतिशत दर्शकों को ही आयोजन देखने आने की अनुमति होगी और सभी लोगों चेहरे पर मास्क और कोरोना से संबंधित दिशा निर्देशों का पालन करना होगा।
इसके अलावा आयोजन में शामिल हो रहे लोगों का प्रवेश थर्मल जांच के बाद ही किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जल्लीकट्टु दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में बेहद लोकप्रिय त्यौहार है जो पोंगल के दौरान मनाया जाता है। इस त्योहार को जानवरों के साथ कथित तौर अत्याचार को लेकर जानवर भारतीय कल्याण बोर्ड और पशु अधिकार संगठनों ने कुछ वर्ष पहले प्रतिबंध लगवा दिया था लेकिन बाद में हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद तमिलनाडु सरकार ने अध्यादेश पारित किया था जिसे केंद्र सरकार ने भी अनुमति दे दी थी।