चेन्नई। तमिलनाडु के मदुरै पलामेडु और तिरुचिरापल्ली जिले के सूरीयूर गांव में सोमवार को आयोजित प्रसिद्ध जल्लीकट्टू समारोह में दो लोगों की मौत हो गई है और सौ से अधिक लोग घायल हो गए। यह समारोह सुबह आठ बजे से शुुरू होकर शाम पांच बजे तक चला।
पलामेडु में सांड के सींग मारने एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, इसके अलावा सूरीयूर में भी सींग मारने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मदुरै से मिली रिपोर्टों में कहा गया है कि पलामेडु समारोह में मारे गए व्यक्ति की पहचान अरविंद राज (26) के रूप में हुई हैं।
आज सुबह से नौ सांडों को काबू में करने के बाद और सबसे अधिक सांडों को वश में करने के लिए तीसरे स्थान पर रहने के बाद अरविंद ने अखाड़े में एक और सांड को काबू में करने का प्रयास किया। इस दौरान सांड ने उसे सींग मारकर घायल कर दिया। पेट के निचले हिस्से में गंभीर चोटों के साथ अरविंद को मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल (जीआरएच) ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के दौरान 40 से अधिक लोग घायल हो गए और उनमें से कुछ को इलाज के लिए जीआरएच भेजा गया है।
सबसे अधिक 23 सांडों को काबू करने वाले चिन्नापट्टी गांव के तमिझारसन प्रथम स्थान पर रहे और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की ओर से उन्हें पुरस्कार स्वरूप कार प्रदान की गई। पलामेडु के मणिकंदन ने 19 सांडों को काबू कर दूसरे स्थान पर रहे और उन्हें पुरस्कार स्वरूप दोपहिया वाहन दिया गया। राजा 15 सांडों को काबू कर तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें पुरस्कृत किया गया। तिरुनेलवेली पोन्नारसामी मंदिर से संबंधित सांड़ को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया और उसके मालिक को दोपहिया वाहन पुरस्कार स्वरूप दिया गया।
इससे पहले तमिलनाडु के वाणिज्यिक कर एवं पंजीकरण मंत्री पी मूर्ति की उपस्थिति में मदुरै के जिलाधिकारी एस अनीश शेखर ने कार्यक्रम के पारंपरिक निष्पक्ष संचालन के लिए शपथ दिलाने के साथ ही हरी झंडी दिखाकर सांडों को वाड़ीवसल से खुले मैदान में छोड़ा गया। मूर्ति ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।
त्रिचि से मिली एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरीयूर गांव के वादीवासल से कुल 623 बैल छोड़े गए और 316 सांडों ने इसमें भाग लिया। यहां एक सांड़ के सींग मारने से एक दर्शक की मौत हो गई, वहीं 61 अन्य घायल हो गए। भूपलान को अधिकतम 17 सांड़ोें को काबू में करने के लिए प्रथम पुरस्कार स्वरूप दुपहिया वाहन दिया गया, जबकि 14 सांड़ो को काबू करने वाले रंजीत दूसरे स्थान पर रहे और उन्हें सोने के सिक्के दिए गए।
चार दिवसीय पोंगल उत्सव के अंतिम दिन ‘मट्टू’ पोंगल के दिन जल्लीकट्टू का कल अवुनियापुरम में आयोजित होने के बाद आज आज पलामेडु में आयोजित किया गया। विश्व प्रसिद्ध अलंगनल्लूर में कल जल्लीकट्टू का आयोजित किया जाएगा, जोकि देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों को आकर्षित करता है।