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तारणा त्रयोदशी : जैव विविधता संरक्षण और स्वदेशी का संदेश
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तारणा त्रयोदशी : जैव विविधता संरक्षण और स्वदेशी का संदेश

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तारणा त्रयोदशी : जैव विविधता संरक्षण और स्वदेशी का संदेश

अजमेर। स्वदेशी जागरण मंच अजयमेरु के तत्वावधान में बुधवार को तारणा त्रयोदशी तथा जैव विविधता और स्वदेशी व्याख्यान साथ आदर्श विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय पुष्कर रोड में स्वदेशी उत्पाद की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस मौके पर आगंतुकों ने भोजन स्वरूप 13 प्रकार के अनाजों व सब्जियों के सम्मिश्रण का अनूठा प्रसाद ग्रहण किया।

कार्यक्रम अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य पुरुषोत्तम पराजपेय ने तारणा त्रयोदशी व स्वदेशी की महत्ता बताते हुए कहा कि उन्नति स्वयं के जागरण से होगी। कोई राष्ट्र तभी उन्नति करेता है जब राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव से वहां की जनता प्रेम करती है। राष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक उत्थान के लिए आम जन का जागरूक होना अत्यावश्यक है।

उन्होंने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच विदेशी विचारधारा का विरोधी नहीं है, अगर हमें विदेशों से अच्छी तकनीक प्राप्त हो रही है तो उसे स्वीकार करना चाहिए। विदेशों से अनुशासन, राष्ट्र के प्रति भक्ति जैसी अनेक चीजें हैं जो हमें स्वीकार करनी है परन्तु आज हम विदेशों से ऐसी चीजें सीख रहे हैं जो हमारी संस्कृति को विदूषित कर रही हैं, हमारे देश में परिवारों को तोड रही है। भारत को आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है, हमें इससे बचना चाहिए।

मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत सह संयोजक डॉ वीएल जागेटिया ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच परिवार, रोजगार व पर्यावरण के संरक्षण के लिए समाज के प्रत्येक क्षेत्र में काम कर रहा है। स्वदेशी विचार एक राष्ट्रप्रेम है जिससे देश के नागरिक अपना कर राष्ट्र भक्ति का परिचय दे सकते हैं।

अगर परिवार बचेगा तो समाज बचेगा और समाज बचेगा तो राष्ट्र सुरक्षित रहेगा। बेरोजगारी से बचने के लिए हमें रोजगार का सृजन करना है, हमारी संस्कृति देना सिखाती है, हमारे युवा सिर्फ नौकरी के लिए प्रयास न करें बल्कि स्वरोजगार अपनाने में भी रुचि लें। इससे रोजगार पैदा कर अन्य युवाओं के लिए मार्ग प्रशस्त करें।

पर्यावरण संरक्षण आज का विषय नहीं है, हमारे पूर्वजों द्वारा प्राचीन काल से ही पर्यावरण संरक्षण किया जा रहा है। इससे पहले कार्यक्रम का प्रारंभ मां भारती, डॉ हेडगेवार व गुरुजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर ​किया गया।

इस अवसर पर ​अतिथियों ने जैविक खेती पर श्रेष्ठ कार्य करने वाली स्वयंसेविका कुसुमलता, रश्मि शर्मा को सम्मानित किया। आगंतुक अतिथियों को भी स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। कार्यक्रम के दौरान स्वदेशी जागरण मंच के विभाग संयोजक ने नए दायित्वों की घोषणा की।

मंच के विभाग सहसंयोजक डॉ मनोज बहरवाल ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन महानगर संयोजक डॉ संत कुमार ने किया।

जैविक कृषि उत्पाद प्रदर्शनी

कार्यक्रम स्थल पर जैविक खेती के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी संचालक रश्मि शर्मा ने बताया कि वर्तमान में रसायनों के बढते उपयोग ने स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं को जन्म दिया है। इससे बचने का उपाय एकमात्र जैविक उत्पादों का उपयोग है। उन्होंने कहा कि जैविक कृषि से उत्पादित उत्पाद थोडे महंगे जरूर हैं पर स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। वर्तमान में जागरूकता के कारण इनका उपयोग लगातार बढ रहा है।

13 प्रकार के अनाजों व सब्जियों से बना भोजन

स्वदेशी जागरण मंच की ओर से 13 प्रकार के अनाजों को मिलाकर प्रसाद के रूप में भोजन बनाया गया। मंच के विभाग संयोजक अरुण ​अरोडा ने बताया कि बुधवार प्रदोष व तेहरस का संयोग बिरले ही होता है। इस दिन हमारे पूर्वज 13 प्रकार के अनाजों के सम्मिश्रण से बना भोजन करते थे जो स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता था।

लुप्त हो रहे अनाजों के संरक्षण पर बल

जैव विविधता दिवस के अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच की ओर से कुलथ, सामा, चीना और कांगणी जैसे अनाजों के संरक्षण पर बल दिया गया। विभाग सह संयोजक मनोज बेहरवाल ने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच ऐसे अनाजों के संरक्षण के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। वर्तमान में यह अनाज विलुप्त होने की श्रेणी में आ रहे हैं जिनका संरक्षण जरूरी है।