नई दिल्ली। निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के आज से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को 20 लाख रुपये तक ग्रैच्युटी मिल सकेगी। इसके अलावा इन क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाएं भी 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश की हकदार होंगी।
केंद्रीय रोजगार एवं श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि ग्रैच्युटी भुगतान (संशोधन) अधिनियम 2018 के कल से लागू होने के साथ निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों की तरह ही ग्रेच्युटी मिलनी आरंभ हो जाएगी। ग्रेच्युटी से संबंधित विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में ही पारित किया गया है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप सरकारी कर्मचारियों की ग्रैच्युटी की अधिकतम राशि बढ़कर 20 लाख रुपए हो गई थी जिसे देखते हुए सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी ग्रेच्युटी की सीमा 20 लाख रुपए करने के लिए ग्रैच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 में संशोधन किया है।
नए कानून के अनुसार महिला कर्मचारियों की मातृत्व अवकाश की अवधि मौजूदा 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह होगी। इससे निजी क्षेत्रों और सार्वजनिक क्षेत्र के उन कर्मचारियों के बीच ग्रेच्युटी को लेकर समानता हो गई जो सीसीएस (पेंशन) नियम के तहत नहीं आते हैं। ऐसे कर्मचारी भी अपने समकक्ष सरकारी कर्मचारियों की तरह ग्रैच्युटी की उच्चतम राशि पाने के हकदार हो जाएंगे।
ग्रैच्युटी भुगतान कानून उन प्रतिष्ठानों में लागू होता है जिनमें 10 या उससे अधिक लोग काम करते हैं। नए कानून में ग्रेच्युटी की राशि की सीमा अधिसूचित करने का अधिकार केंद्र सरकार को दिया गया है ताकि वेतन में वृद्धि, मुद्रास्फीति और भविष्य में वेतन आयोगों को देखते हुए समय-समय पर ग्रैच्युटी की सीमा को संशोधित किया जा सके।