अजमेर। विश्व शांति प्रयास और शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अजमेर के पुलिस लाइन निवासी निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर के शिक्षक डॉ. सुधिन्द्र सिंह चौहान को अतरराष्ट्रीय समरसता मंच की ओर से नई दिल्ली में बुधवार को शिक्षक सम्मेलन एवं विचार प्रजेटेंशन के भव्य कार्यक्रम में शिक्षकश्री सम्मान से नवाजा गया।
नेपाल सरकार के प्रथम महामहिम उपराष्ट्रपति न्यायाधीश परमानन्द झा के सान्निध्य में कृष्णन मेनन भवन भगवानदास रोड में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में भारत-नेपाल की वैदिक कालीन संस्कृति के पुर्नउत्थान, भारत पुन: वैदिक कालीन जगतगुरु के आसन पर पद्स्थापित हो एवं दुनियां का 8वां सबसे ताकतवर देश भारत के संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में विटोपावर के साथ स्थाई सदस्यता प्राप्त करें बात कही।
इस अवसर पर काठमाण्डू (नेपाल) के पूर्व राजदूत श्यामानन्द सुमन एवं नेपाली दूतावास जापान के पूर्व राजदूत डॉ. विष्णु हरि नोपाल भी उपस्थित रहे। सम्मेलन में भारत सरकार के प्रधानमंत्री को मुख्य अतिथि का आमन्त्रण पत्र लेकर एक लेकर एक सांस्कृतिक शिष्ट मंडल प्रधानमंत्री
कार्यालय पहुंचा।
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों की प्रतिभाओं का चयन कर्मस्थली से विकास तक सेवा कार्यों का अवलोकर कर अनवरत परिश्रम पर चयन किया। सम्मानीय शिक्षक डॉ. सुधिन्द्र सिंह चौहान का प्रस्ताव पत्र अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति मोहम्मद शब्बीर ने मंच को प्रेषित
किया।
सचिव (प्रेस) मनीष शर्मा ने बताया कि स्व: पोषित वित्तीय व्यय योजना के अंतर्गत आयोजित समारोह में नई दिल्ली स्थित दूतावासों के प्रतिनिधियों को आंमत्रित किया। शिक्षकश्री सम्मान में साफा, शॉल, मेडल, अभिनन्दन पत्र, श्रीफल, चयनित “शिक्षकश्री’ सम्मान प्रतिभा को सादर भेंट कर अभिनन्दन किया।
शिक्षकश्री प्रतिभा की अगवानी समारोह के मुख्य द्वार पर भारत-नेपाल सांस्कृतिक समन्वय के कार्यालय मिशन एडवाईजर का एक शिष्टमंडल ने की। सात दिन और चार कमेटियों ने 10,000 से अधिक नामांकन पत्रों में से देशभर के प्रथम चरण में 131 शिक्षकों को शिक्षकश्री अवार्ड के लिए चुना गया। सिफारिश व प्रलोभन देने वाले शिक्षकों का नामाकंन रद्द कर दिए गए और आगे के लिए भी अयोग्य कर दिए हैं।