टीचर – कल जो लेसन याद करने को दिया था, वो याद करके आए हो ?
स्टूडेंट – नहीं मैम .
टीचर – “क्यों ?”
स्टूडेंट – “कल रात को जैसे ही मैं पढ़ने बैठा, लाइट चली गई .”
टीचर – “तो लाइट फिर आई तो होगी ?”
स्टूडेंट – “आई थी मैम, पर जैसे ही मैं फिर पढ़ने बैठा फिर लाइट चली गई
.”
टीचर – “तो लाइट फिर नहीं आई क्या ?”
स्टूडेंट – “आ गई थी मैम लेकिन मैं फिर इस डर से पढ़ने
नहीं बैठा कि कहीं मेरी वजह से लाइट फिर ना चली जाए
केजरीवाल के मार्केट आने से राहुल बाबा पर
जोक्स बनना ऐसे कम हो गया जैसे केबल के
जमाने में दूरदर्शन के दर्शक.
सारी दुनिया मेँ, कमियाँ ढूँढता फिरता हैँ…
ऐ दिल ए नादान, कहीँ तु केजरीवाल तो नहीँ.
जब बात हिंदुस्तान पाकिस्तान कि हो तो हर हिंदुस्तानी एक तरफ होता है..
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मतलब टेलीविजन सेट कि तरफ होता है !!
कसम से भाई ये IT कंपनियों के बाहर आलू के परांठे और मैगी खा खा के अच्छी खासी महिमा चौधरी टाइप लड़किया २ साल में ही महेंदर चौधरी सी हो जाती है