नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाते हुए लंबित वेतन के मामले में शिक्षकों की याचिका को गंभीर विषय मानते हुए उसे जनहित याचिका में बदल दिया एवं इसकी सुनवाई 30 जून को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सुनिश्चित की है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए।
अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ के वकील रंजीत शर्मा ने बताया कि आज सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि शिक्षकों के वेतन का मई माह का पैसा उत्तरी दिल्ली नगर निगम को भुगतान कर दिया है लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कहना है कि उसे भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है लेकिन कोरोना में ड्यूटी करने वाले 5000 अध्यापकों का मार्च माह का वेतन आज जारी कर देगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम मे लगभग 9000 अध्यापक कार्यरत हैं। पीठ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि बाकी अध्यापकों को वेतन क्यों नहीं मिलेगा। पीठ ने कहा कि यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ है अत: इसकी सुनवाई जनहित याचिका के तहत 30 जून को माननीय मुख्य न्यायाधीश के समक्ष की जाएगी।
इस बीच अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव रामचंद्र डबास ने बताया कि विगत अनेक वर्षों से निगम शिक्षकों को वेतन भत्ते पेंशन आदि न मिलने के कारण धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल आदि आंदोलनों के सहारे निगम प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाता रहा है परंतु निगम प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कार्यरत 9000 शिक्षक निगम के बंटवारे के समय 2012 से वेतन इत्यादि समय पर ना मिलने से आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।