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विश्वकप की हार के लिए बलि का बकरा बने संजय बांगड़ - Sabguru News
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विश्वकप की हार के लिए बलि का बकरा बने संजय बांगड़

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विश्वकप की हार के लिए बलि का बकरा बने संजय बांगड़
Team India support staff selection : What is behind Vikram Rathore's entry and Sanjay Bangar's exit
Team India support staff selection : What is behind Vikram Rathore’s entry and Sanjay Bangar’s exit

मुंबई। कप्तान विराट कोहली की पसंद रवि शास्त्री को कपिल देव की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय समिति ने फिर से अगले दो साल के लिए टीम इंडिया का कोच चुन लिया था लेकिन बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ अपनी जगह नहीं बचा पाए।

बांगड़ टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ के महत्वपूर्ण सदस्य थे और पिछले दो वर्षों में टीम इंडिया का जैसा प्रदर्शन रहा था उसमें शास्त्री के साथ-साथ बांगड़ का भी पूरा योगदान रहा। भारतीय टीम को पिछले महीने इंग्लैंड में विश्वकप के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा और ऐसा लगता है कि उस हार के लिए बांगड़ बलि का बकरा बन गए।

शास्त्री ने तीन सदस्यीय समिति के सामने वेस्टइंडीज से विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बताया था कि उन्होंने 2017 में कोच पद संभालने के बाद से टीम इंडिया को कैसे उठाया था। यदि शास्त्री को कोच पद पर बरकरार रखा जा सकता है तो फिर बांगड़ की छुट्टी क्यों की गई। यह सवाल इस समय भारतीय क्रिकेट में यक्ष प्रश्न बन गया है।

बल्लेबाजी कोच के लिए बांगड़ को विक्रम राठौड़ ने पछाड़ा और टीम इंडिया के नए बल्लेबाजी कोच बन गए। टीम के बल्लेबाजी कोच के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की सीनियर चयन समिति ने गुरुवार को बीसीसीआई मुख्यालय में बैठक की थी और टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ के लिए उम्मीदवारों का साक्षात्कार किया था। पांच सदस्यीय समिति में अध्यक्ष एमएसके प्रसाद, शरणदीप सिंह, गगन खोड़ा और जतिन परांजपे मौजूद थे जबकि देवांग गांधी विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक से जुड़े थे।

मौजूदा बल्लेबाजी कोच बांगड़ का मुकाबला इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज मार्क रामप्रकाश और विक्रम राठौड़ से था। हालांकि ऐसा माना जा रहा था कि बांगड़ का दावा इसके लिए मजबूत है और वह एक बार फिर टीम के बल्लेबाजी कोच नियुक्त किए जा सकते हैं। लेकिन बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने राठौड़ को अनुभवी बताते हुए उन्हें इस पद का योग्य उम्मीदवार बताया।

चयन समिति की प्राथमिकता में राठौड़ पहले स्थान पर थे और वह बल्लेबाजी कोच बन गए। बीसीसीआई के सीईओ जौहरी ने कहा कि विक्रम राठौड़ के पास अच्छा अनुभव है और हम उनके कोच के रुप में योग्यता से सहमत हैं। हमने उनसे कहा है कि अगर उन्हें इस बारे में कुछ कहना है तो वह कह सकते हैं।

बांगड़ के बदले राठौड़ को टीम का नया कोच बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि टीम मैनजमेंट में सबके अपने अलग-अलग विचार हैं लेकिन मुझे लगता है कि टीम के सपोर्ट स्टाफ में नए चेहरों को जगह मिलनी चाहिए।

भारतीय टीम के मुख्य चनयकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा कि इस पद के लिए पहली पसंद को टीम का बल्लेबाजी कोच बनाया जाना है और दूसरे तथा तीसरे पसंद के उम्मीदवार एनसीए और इंडिया ए के बल्लेबाजी कोच बन सकते हैं। हम इस बारे में एनसीए के निदेशक राहुल द्रविड़ को भी अवगत कराएंगे।

बांगड़ अपनी जगह नहीं बचा पाए लेकिन भरत अरुण ने अपना गेंदबाजी कोच और आर श्रीधर ने अपना फील्डिंग कोच का स्थान बचा लिया। अरुण ने पारस महाम्ब्रे और भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद को पीछे छोड़ जबकि श्रीधर ने अभय शर्मा और टी दिलीप को पीछे छोड़ा।

फिजियोथेरेपिस्ट के लिए नितिन पटेल और प्रशासनिक मैनेजर के लिए गिरिश डोंगरे को चुना गया। समिति ने स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच के लिए ल्यूक वुड हाउस, ग्रांट लुडेन, रजनीकांत शिवागननम, निक वेब और आंनद दाते को दूसरे राउंड के इंटरव्यू के लिए एनसीए बुलाया है ताकि उनकी प्रैक्टिकल स्किल्स देखी जा सके।