हैदराबाद । विराट कोहली की टीम इंडिया ट्वंटी-20 सीरीज की हार को पीछे छोड़ते हुए शनिवार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही पांच मैचों की वनडे सीरीज में अपनी विश्व कप टीम को अंतिम रूप देने उतरेगी। सीरीज का पहला मैच यहां खेला जाना है।
इंग्लैंड की जमीन पर होने वाला विश्व कप अब 90 दिन दूर रह गया है और भारत के पास अपनी विश्व कप टीम को अंतिम रूप देने के लिए यह अंतिम सीरीज है। भारतीय खिलाड़ियों को इस वनडे सीरीज के बाद आईपीएल में हिस्सा लेना है। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया को इस सीरीज के बाद पाकिस्तान के साथ यूएई में पांच मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है।
भारत के पास विश्व कप से पहले जहां पांच वनडे मैच हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया के पास विश्व कप से पहले 10 मैच बचे हैं। भारतीय चयनकर्ताओं ने इस सीरीज के पहले दो वनडे और आखिरी तीन वनडे के लिए टीमें घोषित की हैं जिनमें एक-दो परिवर्तन हैं। राष्ट्रीय चयनकर्ता प्रमुख एमएसके प्रसाद ने पिछले महीने वनडे टीम की घोषणा करते हुए कहा था कि विश्व कप टीम लगभग तैयार हो चुकी है और एक-दो स्थानों को भरा जाना बाकी है।
आलराउंडर हार्दिक पांड्या चोट के कारण ट्वंटी-20 सीरीज में नहीं खेल पाए थे और वह वनडे सीरीज से भी बाहर हैं। हालांकि पांड्या की टीम में जगह को कोई खतरा नहीं है लेकिन उनकी गैर मौजूदगी में विजय शंकर के पास एक आलराउंडर के रूप में खुद को साबित करने का अच्छा मौका है।
भारत ने अपने पिछले दो विदेशी दौरों में ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज 2-1 से और न्यूजीलैंड में वनडे सीरीज 4-1 से जीती थी। भारत इस लय को इस सीरीज में भी बरकरार रखने की कोशिश करेगा चाहे वह ट्वंटी-20 सीरीज में 0-2 से क्यों न हार गया हो।
पहले दो वनडे के लिए घोषित भारतीय टीम में विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उपकप्तान), शिखर धवन, अंबाटी रायुडू, केदार जाधव, महेंद्र सिहं धोनी (विकेटकीपर),जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, रिषभ पंत की जगह पक्की मानी जा सकती है जबकि लोकेश राहुल ने दोनों ट्वंटी-20 मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर ओपनिंग के लिए अपनी दावेदारी और नियमित ओपनरों रोहित शर्मा तथा शिखर धवन के सामने चुनौती पेश की है।
तेज गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह अपना काम कर रहे हैं लेकिन पहले ट्वंटी-20 में उमेश यादव और दूसरे मैच में सिद्धार्ध कौल कुछ निराश कर गए। किसी गेंदबाज के लिए कोई दिन खराब हो सकता है लेकिन जब विश्व कप टीम में जगह बनाने का मामला हो तो हर मैच करो या मरो का मैच बन जाता है।
उमेश यादव वैसे भी वनडे टीम का हिस्सा नहीं हैं और सिद्धार्ध के पास पहले दो वनडे आखिरी मौका रहेंगे लेकिन उन्हें ध्यान रखना होगा कि पहले दो वनडे के लिए मोहम्मद शमी एकादश में मौजूद रहेंगे जबकि आखिरी तीन मैचों के लिए भुवनेश्वर कुमार टीम में लौटेंगे।
दो ट्वंटी-20 मैचों में निराश करने वाले ऋषभ पंत के लिए भी वनडे सीरीज काफी महत्वपूर्ण रहेगी। विकेटकीपर दिनेश कार्तिक बेशक इस सीरीज से बाहर हैं लेकिन उनकी दावेदारी को खारिज नहीं किया जा सकता। यदि पंत अपने टेलेंट के साथ न्याय नहीं कर पाए तो कार्तिक के लिए एक मौका बन सकता है। मध्य क्रम में केदार जाधव और अंबाटी रायुडू को भी अपनी जगह मजबूत करनी है।
यदि इस सीरीज में कोई भारतीय खिलाड़ी मौके का फायदा नहीं उठा पाता है तो यह उसका दुर्भाग्य होगा कि वह फिर विश्व कप टीम में जगह नहीं बना जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के लिए भी अभी विश्व कप टीम को लेकर स्थिति कुछ स्पष्ट नहीं है। प्रतिबन्ध झेल रहे स्टीवन स्मिथ और डेविड वार्नर की अनुपस्थिति में ऑस्ट्रेलिया की वनडे बल्लेबाजी उतनी मजबूत नजर नहीं आ रही है।
स्मिथ और वार्नर का प्रतिबन्ध पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के दौरान समाप्त हो जाएगा। लेकिन दोनों अभी अपनी चोटों से उबर रहे हैं और वे प्रतिबन्ध समाप्त होने तक फिट नहीं हो पाएंगे। यदि स्मिथ फिट नहीं हो पाते हैं तो उनका विश्व कप में खेलना संदिग्ध रहेगा। ऑस्ट्रेलिया ने भी विश्व कप के लिए अपनी जगहों को भरना है हालांकि इसके लिए उसके पास 10 मैचों का समय रहेगा।