कैनबरा। भारतीय टीम तीसरे वनडे में शानदार जीत से उत्साहित होकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की टी-20 सीरीज के शुक्रवार को होने वाले पहले मुकाबले में बढ़े हुए मनोबल के साथ उतरेगी।
भारत ने सिडनी में पहले दो वनडे 66 और 51 रन से गंवाए थे लेकिन कैनबरा में तीसरे मुकाबले में 13 रन की जीत के साथ उसने शानदार वापसी कर ली। कैनबरा के मानुका ओवल मैदान में ऑस्ट्रेलिया को इस तरह पहली बार का हार का सामना करना पड़ा।
भारतीय टीम अब इस लय को टी-20 सीरीज में भी बरकरार रखना चाहेगी जिसका पहला मैच कैनबरा के मानुका ओवल मैदान में ही होना है। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने तीसरे वनडे की जीत के बाद कहा था कि वह इस लय को आगे भी बरकरार रखेंगे।
भारतीय टीम का प्रदर्शन वनडे सीरीज के पहले दो मुकाबलों में निराशाजनक रहा था और वह प्रभावित करने में नाकाम रही थी। लेकिन तीसरे मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी और फिर गेंदबाजी में अपना जलवा बिखेरा तथा मेजबान टीम को पटखनी देकर क्लीन स्वीप से बच गयी।
टीम इंडिया को भले ही वनडे सीरीज गंवानी पड़ी लेकिन उसने तीनों मुकाबलों में ही 300 का आंकड़ा पार किया। पहले दो वनडे में हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने विशाल स्कोर खड़ा किया था जिसके कारण भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन टीम के बल्लेबाजों ने इस लक्ष्य को हासिल करने की भरपूर कोशिश की थी।
भारतीय टीम को टी-20 सीरीज में इस लय को बरकार रखना होगा और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजी आक्रमण को परास्त कर टी-20 की शुरुआत जीत से करनी होगी। भारतीय टीम ने टी-20 के लिए वाशिंगटन सुंदर और दीपक चाहर को टीम में जगह दी है।
शिखर धवन, विराट कोहली, मयंक अग्रवाल, लोकेश राहुल और श्रेयस अय्यर पर बल्लेबाजी का दारोमदार होगा लेकिन संभव है कि धवन के साथ राहुल ओपनिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे, ऐसे में मयंक का अंतिम एकादश में शामिल होना मुश्किल हो जाएगा।
भारत की इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड के साथ पांच मैचों की टी-20 सीरीज हुई थी जिसमें राहुल ने बेहद उम्दा प्रदर्शन किया था और टीम को 5-0 से क्लीन स्विप कराने में अहम भूमिका अदा की थी। राहुल ने हाल ही में यूएई में संपन्न हुए आईपीएल के 13वें सत्र में भी बेहतर प्रदर्शन किए थे और टूर्नामेंट के सर्वाधिक स्कोरर रहे थे।
राहुल से एक बार फिर ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी और धवन तथा राहुल पर टीम को मजबूत शुरुआत दिलाने की जिम्मेदारी होगी। कप्तान विराट ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे मुकाबले में 89 और तीसरे वनडे में 63 रन बनाए थे। उन्हें अपनी यह फॉर्म बरकार रखनी होगी तथा सामने से टीम का नेतृत्व करना होगा।
मध्यक्रम में श्रेयस अय्यर को मनीष पांडे के ऊपर तवज्जो दी जा सकती है जबकि ऑलराउंडर विभाग में हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा जिम्मेदारी संभालेंगे जिन्होंने तीसरे वनडे में शानदार प्रदर्शन किया था। पांड्या औऱ जडेजा दोनों ही खिलाड़ी फॉर्म में हैं और इन दोनों से एक बार फिर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
टी-20 के लिए भारतीय टीम में शामिल किए गए वाशिंगटन को छठे गेंदबाज के रुप में उतारा जा सकता है। टीम की गेंदबाजी वनडे सीरीज में फ्लॉप साबित हुई थी और गेंदबाजों को पुरानी गलतियों से सीख लेकर अपने प्रदर्शन में सुधार करने की जरुरत है। तेज गेंदबाजी विभाग का जिम्मा मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह पर होगा। शमी टीम के एकमात्र गेंदबाज थे जिन्होंने अन्य गेंदबाजों के मुकाबले थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया था।
बुमराह वनडे सीरीज में अपना जल्वा बिखेरने में नाकाम रहे थे और उन्हें टी-20 में बेहतर करना होगा। इन दो गेंदबाजों के अलावा नवदीप सैनी तथा दीपक चाहर में से किसी एक को मौका दिया जा सकता है। स्पिन विभाग में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल मोर्चा संभालेंगे।
दूसरी तरफ वनडे सीरीज में मिली जीत से उत्साहित ऑस्ट्रेलिया की टीम टी-20 भी अपना दबदबा बरकरार रखना चाहेगी। हालांकि टीम के विस्फोटक बल्लेबाज डेविड वार्नर चोटिल होने के कारण टी-20 सीरीज से बाहर हो गए हैं, ऐसे में कंगारु टीम को उनकी कमी बखूबी खलेगी।
वार्नर की जगह टीम में डी आर्सी शॉर्ट को शामिल किया गया है और उन पर वार्नर की अनुपस्थिति में बेहतर प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी होगी। ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे वनडे में मार्नस लाबुशेन को ओपनिंग के लिए उतारा था लेकिन वह असफल रहे थे। यह देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान आरोन फिंच के साथ ओपनिंग करने किस खिलाड़ी को भेजा जाएगा।
भारत के गेंदबाजों को ऑस्ट्रेलिया के मजबूत बल्लेबाजी आक्रमण से पार पाना होगा जिन्होंने वनडे सीरीज में खासा परेशान किया था। ऑस्ट्रेलिया की ओर से फिंच, स्टीवन स्मिथ, ग्लेन मैक्सवेल और मार्कस स्टोयनिस पर बड़ी पारी की जिम्मेदारी होगी। स्मिथ, फिंच और मैक्सवेल अपनी फॉर्म में हैं, ऐसे में भारतीय गेंदबाजों को इन्हें जल्द आउट करना होगा जबकि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों अपना दमदार प्रदर्शन जारी रखना होगा।