पटना। कोरोना महामारी के दौरान सरकारी आदेश एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन के मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने पटना की एक अदालत में आज आत्मसमर्पण किया, जहां उन्हें बाद में जमानत पर मुक्त कर दिया गया।
सांसदों एवं विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत में यादव की ओर से आत्मसमर्पण के बाद जमानत पर मुक्त किए जाने की प्रार्थना की गई थी। आवेदन पर सुनवाई के बाद अदालत ने यादव को जिला एवं सत्र न्यायालय से मिली अग्रिम जमानत सुविधा के आलोक में 10 हजार रुपये के निजी मुचलके के साथ उसी राशि के दो जमानतदारों का बंध-पत्र (बॉन्ड पेपर) दाखिल करने पर जमानत पर मुक्त किए जाने का आदेश दिया।
मामला 25 सितंबर 2020 का है। आरोप के अनुसार केंद्र सरकार के कृषि विधेयक के विरोध में यादव अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन करते हुए जुलूस की शक्ल में प्रतिबंधित क्षेत्र आयकर गोलंबर के नजदीक पहुंचे थे। भीड़ ने न तो मास्क लगा रखा था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया था।
कोतवाली थाने में भारतीय दंड विधान और आपदा प्रबंधन अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में पुलिस ने यादव समेत आठ लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है।