हैदराबाद। तेलंगाना की एक अदालत ने इस साल मई में नौ लोगों की सनसनीखेज ढंग से हत्या करने वाले बिहार के प्रवासी मजूदर संजय कुमार यादव को बुधवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई।
वारंगल के प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के जय कुमार ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी के अपराध को साबित कर दिया है।
संजय छह साल पहले वारंगल आया था। उसे गत 25 मई को पुलिस ने नौ लोगों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। मारे गए लोगों में उस परिवार का एक नवजात बच्चा भी शामिल था जहां संजय भी रहता था। कहा जाता है कि उसने खाने में नींद की दवा मिला दी और बाद में सभी को पास के कुंएं में फेंक दिया।
संजय ने इस जघन्य हत्याकांड को 20 और 21 मई की मध्यरात्रि में वारंगल जिले के गोरेकुंता गांव में अंजाम दिया। बताया जाता है कि संजय का परिवार के मुखिया मकसूद की रिश्तेदार रफीका से अवैध संबंध था।
लेकिन बाद में उसकी आंख पर रफीका की छोटी बेटी पर पड़ी और वह रफीका को अपने अभिभावकों को मिलाने के बहाने से ट्रेन में अपने पैतृक गांव जाने के लिए सवार हुआ। संजय ने ट्रेन में नींद की दवाई युक्त पानी रफीका को पिला दिया और बेहोशी की हालत में ट्रेन से उसे नीचे फेंक दिया। रफीका का शव बाद में आंध्र प्रदेश में बरामद किया गया।
संजय के अकेले वारंगल लौटने पर मकसूद की पत्नी को उसपर शक हुआ तथा मामले को पुलिस के सामने खुलासा करने का मन बनाया। इस बीच संजय को इसकी भनक लग गई और उसने पूरे परिवार को समाप्त करने की ठान ली।