कोटा। राजस्थान के कोटा संभाग में पिछले चार दिन से भारी बरसात एवं कोटा बैराज बांध से पानी की भारी निकासी के कारण बाढ़ के हालात खराब हो रहे हैं कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा बैराज के दस गेट खोलकर पानी की भारी निकासी के कारण कोटा बैराज के निचले इलाकों में सवाईमाधोपुर से लेकर धौलपुर तक चंबल नदी का पानी कई जगह खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।
कोटा बैराज के जल ग्रहण क्षेत्र में भारी पानी की आवक होने के कारण आज सुबह से ही उसके दस गेट खोल कर पानी की निकासी की जा रही है। इसके बाद कोटा में बैराज की डाउन डाउन स्ट्रीम में बसी बस्तियों के लोगों को प्रशासन ने सावधान कर दिया है।
इसके अलावा प्रशासन चम्बल पुलिया के आगे करोड़ों रुपए की लागत से चंबल रिवर फ्रंट के नाम से निर्माणाधीन ड्रीम प्रोजेक्ट की सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा होने लगा हैं क्योंकि मंगलवार रात ही चंबल नदी के तट पर बसी फतेहगढ़ी में मकान धराशाही हो गए। हालांकि इससे किसी के हताहत की सूचना नहीं हैं, हालांकि तीन मोटरसाइकिलें क्षतिग्रस्त हो गई।
कोटा बैराज से पानी की निकासी के कारण सवाईमाधोपुर में नदी का जलस्तर 21. 50 मीटर तक पहुंच गया जिसके कारण नदी का पानी तटीय इलाकों के आसपास बस गांवों तक जा पहुंचा है जिसे देखकर यहां प्रशासन ने इन गांवों के लोगों को सावधान कर दिया है। खतरे की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने सवाईमाधोपुर के प्रसिद्ध गणेश मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया है।
इसके अलावा धौलपुर जिले में चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। भारी वर्षा के कारण कोटा जिले के इटावा, खातोली, सुल्तानपुर के कई गांव में अभी भी स्थिति बदतर बनी हुई है। इस इलाके के सौ से भी अधिक गांवों का जनसंपर्क टूटा हुआ है और ग्रिड स्टेशनों के खराब होने के कारण अनेक गांवों में बिजली गुल हो चुकी है और रात को अंधेरे में डूबे रहते हैं। संभाग की काली सिंध, परवन और पार्वती नदी भी पूरे उफान पर है।