नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बच्चों की तस्करी से जुड़े एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 10 बाल तस्करों को गिरफ्तार कर 14 बच्चों को मुक्त कराया है।
रेलवे के पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि पुलिस को सोमवार को खुफिया जानकारी मिली थी जिसमें कहा गया था कि बिहार से कुछ बच्चों को तस्करी करके महानन्दा एक्सप्रेस से यहां लाया जा रहा है। सूचना के आधार पर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन, सलाम बालक ट्रस्ट और आरपीएफ ने संयुक्त रूप से मिलकर यह अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि टीम ने यात्रियों की आवाजाही और सीसीटीवी फुटेज पर करीब से नजर रखी। इस दौरान पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में लिया और उनके साथ आए 14 बच्चों को मुक्त कराया गया जिनकी उम्र 12 से 14 साल के बीच है।
उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तस्करों के कब्जे से मुक्त कराए गए सभी बच्चों को फिलहाल लाजपत नगर के क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मोहम्मद अकबर (35), मोहम्मद मंजूर आलम (25), नौशाद (36), तासुविल (30), मोहम्मद नसीम (35), अमन कुमार शर्मा (21), नूर आलम (32), मोहम्मद मेहराज (24), मसखुर आलम (23) और महेश लाल केवट (33) के रूप में हुई है। सभी बिहार के रहने वाले हैं।
पुलिस अधिकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि बच्चे बिहार के विभिन्न जिलों के हैं। उन्होंने कहा कि मुक्त कराए गए बच्चों में से नौ कटिहार जिले के हैं जबकि दो बेगूसराय से, दो किशनगंज और एक पूर्णिया से है। इन बच्चों को अलग-अलग जगहों पर ले जाए जाने की योजना था। इन बच्चों में से चार को आजादपुर (दिल्ली), दो को सीलमपुर (दिल्ली) दो को फरीदाबाद (हरियाणा) और छह को पंजाब ले जाया जाना था।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण तस्करों ने बच्चों को फैक्टरियों और अन्य जगहों पर काम पर लगाने का अच्छा मौका देखते हुए बिहार में गरीब परिवारों को अपना निशाना बनाया।