सबरीमला। केरल के सबरीमला स्थित भगवान अय्यपा के दर्शन के लिए जाने वाली तीन महिलाओं को मंगलवार को श्रद्धालुओं ने बीच में ही रोक दिया जिससे तनाव व्याप्त हो गया।
सूत्रों के अनुसार सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुलिस की सुरक्षा में मंदिर की तरफ जा रहीं त्रिशूर की महिलाओं ललिता, गिरीजा और सुजाता को रोक लिया। पुलिस ने पहचान पत्र दिखाकर उनकी उम्र की पुष्टि की कि वे 50 से अधिक उम्र की हैं।
पुलिस ने इस संबंध में विरोध कर रहे श्रद्धालुओं के प्रतिनिधियों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता वाल्सन तिलंकेरी से बातचीत की। इसके बाद महिलाओं को मंदिर जाने दिया गया। आंध्र प्रदेश की कुछ महिलाओं को भी भगवान अय्यपा के दर्शन की अनुमति दी गई।
केरल त्रावणकोर देवासम बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्म कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार बोर्ड के काम में हस्तक्षेप नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि बोर्ड सरकार के निर्देश पर काम नहीं कर रहा है।
इस बीच पति और दो बच्चों के साथ केरल के अलैप्पी जिल के चेरथला से दर्शन के लिए आई 30 वर्षीय महिला को मंदिर में जाने से रोक दिया गया। महिला के पति विजित, चेरथला के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता के भाई हैं।
मंदिर सोमवार को शाम पांच बजे खुला था और रात 10 बजे इसके कपाट बंद कर दिए गए थे। आज तड़के चार बजे कपाट खोले गए और पूजा के बाद रात 10 बजे इसे बंद कर दिया जाएगा। दो माह तक चलने वाले वार्षिक उत्सव के लिए मंदिर के कपाट 16 नवंबर को खोले जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि 10 से 50 साल की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश से रोकने की सदियों पुरानी परंपरा को खत्म करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का केरल में जोरदार विरोध हो रहा है।