नई दिल्ली। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों और निजता के अधिकार के नाम पर कथित देशविरोधी कार्यों के परिप्रेक्ष्य में शनिवार को कहा कि निजता के अधिकार आतंकवादियों और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए नहीं हो सकते।
प्रसाद ने अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन में कहा कि वह सोशल मीडिया के समर्थक हैं, लेकिन उन्हें तकलीफ तब होती है जब इसका दुरुपयोग अपने फायदे के लिए किया जाता है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना के बढ़ते रिवाज को खतरनाक करार देते हुए कहा कि जजों को फैसला लेने की पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सोशल मीडिया का समर्थक हूं, फैसला मनमाफिक न आने पर इस पर चलाया जाना अभियान दुर्भाग्यपूर्ण है। फैसलो की आलोचना करते हुए भी कुछ बातों का ख्याल ज़रूरी है।
कानून मंत्री ने हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों के परिप्रेक्ष्य में विपक्षी दलों पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि दिक्कत तब होती है, जब जनादेश में खारिज हो चुके लोग विचारों के ध्वजवाहक बन जाते हैं। सरकार चलाने की जिम्मेदारी सरकार पर छोड़ देनी चाहिए।
प्रसाद ने निजता के अधिकार पर कहा कि यह अधिकार भ्रष्टाचारियों और आतंकवादियों को बचाने के लिए नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि संविधान द्वारा दिये गए अधिकारों और कर्तव्यों में संतुलन ज़रूरी है। सवाल पूछने का हक़ जरूर है, लेकिन इस अंदाज में कि भारत की पहचान सुरक्षित रहे।