बैंकॉक। थाईलैंड में वर्ष 2014 में सैन्य शासन के बाद हुए पहले आम चुनावों में विपक्षी पेउ थाई पार्टी अधिकतर सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। देश के चुनाव आयोग ने इसकी सूचना दी।
पूर्व प्रधानमंत्री थाकसीन सीनावात्रा समर्थित पार्टी ने 136 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि सैन्य समर्थित सत्तारूढ़ पालंग प्रचा रथ पार्टी (पीपीआरपी) ने 115 सीटें हासिल की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 250 सीट के सीनेट पीपीआरपी को समर्थन दे सकते हैं। अनियमितताओं की शिकायत के कारण मतगणना में देरी हुई। नतीजों की घोषणा मतदान के छह सप्ताह बाद की गई।
उल्लेखनीय है कि सेना के समर्थक और पूर्व प्रधानमंत्री थाकसीन के समर्थकों के बीच लड़ाई के कारण थाईलैंड में कई वर्षों से राजनीतिक अनिश्चितिता बनी हुई थी। अगले प्रधानमंत्री के लिए मतदान कुछ सप्ताह बाद किया जा सकता है। नतीजों से स्पष्ट है कि देश में सैन्य समर्थक पीपीआरपी के नेता प्रधानमंत्री प्रयाथू चान उचा की सरकार बनी रहेगी।
चुनाव के नियम अनुसार सीनेट अगले प्रधानमंत्री के लिए वोट करता है और सेना को ऊपरी सदन की सभी 250 सीटें मिली हैं। अब पीपीआपी को बहुमत के लिए कुछ छोटे दलों के साथ की जरूरत होगी और सीनेट संयुक्त रूप से अपने नेता का चुनाव करेगा।
चुनाव बाद सभी को लगा था कि जनरल प्रयाथू सरकार बनाने के लिए 20 पार्टियों के साथ गठबंधन करेंगे लेकिन उन्हें ऐसे कई लोगों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है जिन्हें भरोसा है कि चुनावों में गलत तरीके से उनका सहयोग किया गया है। चुनावी नतीजे देर से घोषित होने पर चुनाव आयोग की भी आलोचना की गई है।
पूर्व नेता थाकसीन के मुताबिक देश ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। थाईलैंड में संसद की कुल 700 सीटें हैं लेकिन इसमें से निचले सदन के लिए सिर्फ 500 सीटें और उच्च सदन की कुल 250 सीटें होती हैं। निचले सदन की कुल 500 सीटों में से 350 पर चुनाव होते हैं और बाकी 150 सांसद समानुपाती फॉर्मूला से चुने जाते हैं।