अजमेर। जलझूलनी एकादशी के पावन अवसर पर गुरुवार को हर साल की तरह ठाकुरजी की रेवाडी से चहूं ओर आनंद छा गया। गाजे बाजे और पुष्प वर्षा के बीच ज्यों ज्यों रेवाडी आगे बढी धर्मप्रेमियों का सैलाब उमडता रहा। नाचते गाते भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था।
हाथी भाटा लक्ष्मी नारायण मंदिर से सुंदर विलास स्थित गर्ग भवन में पधारे ठाकुर जी की रेवाड़ी के दर्शन के लिए पूरे रास्ते में धर्म प्रेमी माता बहनों ने मंगल गीत गाकर अगवानी की।
शाम को करीब 7 बजे रेवाडी जैसे ही गर्ग भवन पहुंची सारा माहौल जयकारों से गूंज उठा। महापौर धर्मेन्द्र गहलोत और यजमान उमेश गर्ग ने केसर एवं यमुना जल से ठाकुरजी का अभिषेक किया।
देर शाम आरती पूजा एवं संगीत की बैठक में लोक पर्व एवं संस्कृति सागर तथा सप्तक परिवार के संगीत साधकों की ओर से भक्तिमय शास्त्रीय संगीत प्रस्तुतियां दी गई। पंडित आनंद वैद्य, डाक्टर रजनीश चारण, वैशाली वैद्य, अशोक तोषनीवाल, ललित शर्मा ने प्रभु भजनों से माहौल को धर्ममय बना दिया।
जय जय बसंतम नवनीत चोरम…, जय जय राधा रमण हरि गोविंद बोल…, मनमोहन तूझे रिझाउ…, राधे रानी दे डारो बंसी मोरी बंसी में मोरे प्राण बसत हैं…, तेरा रामजी करेंगे बेडा पार उदासी मन काहे को डरे…, वृंदाबन बिहारी फूलों से सज रहे हैं…, श्याम तेरी बंसी को बजने से काम, राधा का भी श्याम हो तो मीरा का भी श्याम…जैसे भजनों से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
भक्ति संध्या के बाद ठाकुर जी का जलाभिषेक कर महाआरती की गई। इस मौके पर महापौर गहलोत ने कहा कि लोक संस्कृति तथा पर्व हमारा मूल आधार है। इन्हें जीवंत रखना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि लुप्त होती उत्सव परंपरा के बीच इस तरह के परंपरागत आयोजन आमजन में उत्साह का संचार करते हैं। इन्हें संजोएं रखना होगा। ये परंपराएं पीढी दर पीढी हस्तानांतरित होती रहेंगी तो हमारी सांस्कृतिक विरासत अजर अमर रहेगी। लोक पर्व एवं संस्कृति सागर के अध्यक्ष उमेश गर्ग ने कहा कि सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक जागरण ही समाज सुधार में प्रभावी है। दंड के आधार पर तो पशुओं को चलाया जाता है। मनुष्य तो संस्कारों से ही मनुष्य बन सकता है।
इस अवसर पर जगदीश वाच्छानी, अशोक तोषनीवाल, ओमप्रकाश मंगल, कालीचरण खंडेलवाल, महेन्द्र मालू, ठाकुर प्रहलाद सिंह पीह, आनंद अरोडा, चिमनलाल शर्मा, बीपी मित्तल, पार्षद महेन्द्र मित्तल, अनीष मोयल, वनीता जैमन, महेश अग्रवाल, सोमरतन आर्य, शशि प्रकाश इंदोरिया, सत्यनारायण भंसाली, लेखराज सिंह राठौड, बालकृष्ण पुरोहित समेत बडी संख्या में गणमान्यजन मौजूद रहे।