

जयपुर। आज पूरी दुनिया क्रिसमस पर्व के जश्न में डूबी हुई है। आज यानी 25 दिसंबर है हर वर्ष इसी दिन क्रिसमस डे धूमधाम के साथ मनाया जाता है। विदेशों में इस पर्व की तैयारी कई दिनों से शुरू हो जाती है। हमारे देश भारत में भी केरल गोवा महाराष्ट्र में कई राज्यों में भी क्रिसमस डे धूमधाम के साथ मनाया जाता है। गोवा में तो इस पर्व को लेकर पूरे 7 दिन का जश्न और उल्लास बना रहता है। देश-विदेश से हजारों सैलानी गोवा पहुंच चुके हैं।
क्रिसमस पर्व प्रभु यीशु के जन्म उत्सव के रूप में 25 से 31 दिसंबर तक मनाया जाता है, जो 24 दिसंबर की आधी रात से ही शुरू हो जाता है। देश और विदेश के चर्च खूबसूरत सजावट और रोशनी से जगमगाए हुए हैं।आज के दिन हिंदू रिवाज के अनुसार बड़ा दिन भी मनाया जाता है। इसी दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन होता है। यह दिन सभी धर्मों में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
इस दिन सांता क्लॉज का रहता है सभी में आकर्षण
क्रिसमस पर्व पर देश और विदेश में सांता क्लॉज का आकर्षण रहता है। खासतौर पर बच्चों को। कई ऑफिसों में भी लोग सांता क्लॉज का वेशभूषा धारण कर उपहार भरते हुए आपको दिखाई पड़ जाएंगे।
क्रिसमस का पर्व हो और सांता क्लॉज की बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। सांता क्लॉज के बिना क्रिसमस की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। सांता क्लॉज का इंतजार पूरे साल बच्चे ही नहीं बड़े भी करते हैं। किस्से कहानियों और बचपन में आने वाले सपनों में सांता क्लॉज और उनके गिफ्ट भला कौन भूल सकता है। सफेद दाढ़ी, लाल टोपी और कंधे पर बड़ा सा बैग सांता क्लॉज की पहचान है। सांता क्लॉज की ड्रेस बच्चों से लेकर बड़ों तक को खूब पसंद आती है। सांता की टोपी की तो पूरी दुनिया में धूम रहती है। क्रिसमस का पर्व जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है सांता क्लॉज की टोपी बाजारों में धूम मचाने लगी है।
सांता क्लॉज बहुत ही दयालु थे
सांता क्लॉज के बारे में माना जाता है कि वह एक संत थे। करीब डेढ़ हजार पहले साल एक संत हुए जिनका नाम निकोलस था। वे बेहद दयालु थे। बेहद विनम्र और हंसमुख स्वभाव के यह संत ही आगे चलकर सांता क्लॉज के जन्मदाता माने गए। सांता का आज जो स्वरूप दिखाई देता है वह 19 वीं सदी में आया। सांता का आधुनिक रूप 19 वीं सदी में लोकप्रिय हुआ। निकोलस रात के समय गरीब और जरूरतमंदों को गिफ्ट दिया करते थे, ये उपहार वो अपनी पहचान छिपाकर रखते थे।
सांता क्लॉज का जब नाम आता है तो जेहन में एक इमेज उभरती है। जिसमें सांता क्लॉज बर्फ के पहाड़ों के ऊपर से उड़ने वाले रेनडियर्स की गाड़ी पर सवार होकर चले आ रहे हैं। दरअसल जो बर्फ का जो क्षेत्र नजर आता है वह उत्तरी ध्रुव यानि नॉर्थ पोल का है। माना जाता है कि सांता उत्तरी ध्रुव से ही अपने उड़ने वाले रेनडियर्स की गाड़ी पर सवार होकर निकलते हैं और जो भी रात में उन्हें मिलता है उसे वे गिफ्ट देते जाते हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार