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दोषियों के वकील ने देर रात तक चारों गुनहगारों को बचाने की कोशिश की - Sabguru News
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दोषियों के वकील ने देर रात तक चारों गुनहगारों को बचाने की कोशिश की

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दोषियों के वकील ने देर रात तक चारों गुनहगारों को बचाने की कोशिश की
The convicts tried to save the four criminals till late in the night
The convicts tried to save the four criminals till late in the night
The convicts tried to save the four criminals till late in the night

नई दिल्ली। निर्भया के चारों आरोपियों को आखिरकार शुक्रवार सुबह 5:30 बजे दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई लेकिन इनको बचाने के लिए देर रात तक कोशिशें जारी रहीं। आधी रात को वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और जब सर्वोच्च अदालत बैठी तो वहां भी निर्भया के दोषी कुछ ऐसी दलील नहीं दे सके जिसकी वजह से ये फांसी टले। हालांकि एपी सिंह लगातार इस फांसी को गलत बताते रहे और मीडिया-अदालत और राजनीति पर आरोप मढ़ते रहे। आखिरकार देर रात अदालत में चारों की फांसी पर मुहर लगा दी।

सवा 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार निर्भया केस के चारों गुनहगारों को सुबह 5:30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चारों गुनहगारों को फांसी दी जाने पर ट्वीट में यह लिखा, न्याय हुआ, महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसका अत्यधिक महत्व है। उन्होंने आगे लिखा, ‘’हमारी नारी शक्ति ने हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हमें मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जहां महिला सशक्तीकरण पर ध्यान दिया जाए और जहां समानता और अवसर पर जोर हो।

इस बार कोई दलील और अर्जियां काम नहीं आईं

मौत की तारीख नजदीक आती देख दोषी अलग-अलग जगह नई-नई अर्जियां दाखिल कर रहे थे। दोषी मुकेश ने अपनी पुरानी वकील पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में उसने कहा था कि पुरानी वकील ने उसे कोर्ट के आदेश का भय दिखाकर उससे कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए थे। इसके बाद दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी। इसके अलावा राष्ट्रपति के सामने भी दया की भीख मांगी थी। दोनों जगहों से उसकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

मुकेश का कहना था कि उसके पास क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने के लिए तीन साल का समय था, फिर भी उसकी वकील ने सबसे पहले उसकी क्यूरेटिव याचिका दाखिल कर दी थी। दोषी पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल किया था। उसने दलील दी थी कि जब अपराध हुआ, उस समय वह नाबालिग था। निर्भया के चारों दोषियों की ओर से आखिरी वक्त तक फांसी को टालने की कोशिश की गई। वकील एपी सिंह ने फांसी के दिन से एक दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट में डेथ वारंट को टालने के लिए याचिका दायर की गई, लेकिन इसमें दोषियों के खिलाफ फैसला आया।

निर्भया के दोषियों को फांसी पर बॉलीवुड हस्तियों की ये रही प्रतिक्रियाएं

निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद बॉलीवुड की प्रसिद्ध हस्तियों ने कुछ इस प्रकार दी अपनी प्रतिक्रिया।अभिनेत्री सुष्मिता सेन, तापसी पन्नू और अभिनेता ऋषि कपूर समेत कई बॉलीवुड सेलेब्स ने सोशल मीडिया पर दोषियों की फांसी पर प्रतिक्रिया दी है। फिल्म ‘थप्पड़’ में नजर आईं अभिनेत्री तापसी पन्नू ने ट्वीट करते हुए निर्भया के माता पिता का सात सालों को संघर्ष को याद किया है।

इसी के साथ ही उनका कहना है कि यह उनके लिए काफी लंबी लड़ाई रही है, तापसी का कहना है कि अब निर्भया का परिवार चैन की नींद सो पाएगा। बॉलीवुड अभिनेत्री एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने ट्वीट कर पूरे संघर्ष के लिए निर्भया की मां आशा देवी की तारीफ की है। इसके साथ ही सुष्मिता ने इसे न्याय की जीत बताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा ‘मां के धैर्य और सहनशक्ति को इंसाफ मिल गया है। आखिरकार न्याय हुआ है।

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चार दोषियों को फांसी दिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अभिनेता ऋषि कपूर ने लिखा ‘निर्भया को न्याय मिल गया है, इसके साथ ही उन्होंने लिखा ‘जैसी करनी वैसी भरनी। अभिनेता ऋषि कपूर का कहना है कि इस फैसले को एक उदाहरण के तौर पर देखना चाहिए। आने वाले समय में बलात्कार के लिए मौत की सजा का प्रावधान करने की बात कही है। निर्देशक मधुर भंडारकर ने भी ट्वीट करते हुए निर्भया गैंगरेप मामले में इसे न्याय करार दिया है।

उन्होंने लिखा ‘आखिरकार निर्भया को न्याय मिल गया है, मैं उसके माता-पिता की मानसिक शांति की प्रार्थना करता हूं। वहीं अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने निर्भया के दोषियों को हुई फांसी पर खुशी के साथ साथ अपना गुस्सा भी जाहिर किया है। उनका कहना है कि इस मामले में निर्भया के साथ न्याय काफी देर से किया गया है। उन्होंने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, दोषियों को 2012 में ही फांसी दे दी जाती तो महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों में कमी देखने को मिलती।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार