देहरादून। उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध 11वें ज्योर्तिलिंग श्रीकेदारनाथ धाम और मां यमुनोत्तरी धाम के कपाट सोमवार को शीतकाल के लिये बन्द कर दिए गए।
तड़के तीन बजे से खुले मंदिर में श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए। इसके पश्चात मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने बाबा की समाधि पूजा संपन्न की तथा साढ़े छह बजे मंदिर के गर्भगृह को बंद किया गया। इसके बाद साढ़े आठ बजे सभा मंडप तथा मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के औद्योगिक सलाहकार डॉ केएस पंवार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, एसपी रूद्रप्रयाग नवनीत भुल्लर, प्रशासनिक मंदिर अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान, भैरवनाथ जी के पश्वा अरविंद शुक्ला, सुभाष सेमवाल सहित तीर्थ पुरोहित एवं हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि इस यात्रा वर्ष में 1,35,023 श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। इसी के साथ ही माँ यमुनोत्तरी धाम के कपाट भी आज अपराह्न 12 बजकर 15 मिनट पर बंद कर दिये गये। इस दौरान बारिश एवं बर्फवारी हुई।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन के विशेष कार्याधिकारी जनसंपर्क एवं प्रभारी अधिकारी यमुनोत्री एएस नेगी ने बताया कि यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया था। इस अवसर पर श्री यमुनोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष, उप जिलाधिकारी बड़कोट चतर सिंह चौहान, मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल, अनोज उनियाल, आशुतोष उनियाल पुलिस प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी तथा तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस यात्रा वर्ष में यमुनोत्री धाम में आठ हजार श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे।