जयपुर। केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन एक्ट के समर्थन में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पिछले कई दिनों से मोर्चा संभाले हुए हैं। केरल की राज्य सरकार से आए दिन नागरिकता संशोधन एक्ट और एनआरसी के मुद्दे पर राज्यपाल आरिफ की तनातनी हो ही जाती है। अब नया विवाद जो सामने आया है वह यह है कि केरल के मुख्यमंत्री ने सीएए पर सरकारी विज्ञापन दिया था इस पर राज्यपाल भड़क गए हैं। यहां हम आपको बता दें कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जबरदस्त समर्थक माना जाता है। पिछले वर्ष तीन तलाक के मुद्दे पर भी आरिफ ने पीएम नरेंद्र मोदी का खुलकर समर्थन किया था।
तभी से मोदी और आरिफ की दोस्ती परवान चढ़ी थी। बाद में केंद्र सरकार ने आरिफ मोहम्मद खान को वर्ष 2019 में केरल का राज्यपाल बना कर इनाम दिया था। कुछ दिनों पहले भी राज्यपाल एक कार्यक्रम के दौरान नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर इतिहासकार इरफान हबीब के बीच भी मनमुटाव हो गए थे, यहां तक कि दोनों में हाथापाई की भी नौबत आ गई थी। आरिफ को केरल का राज्यपाल बनाना खूब रास आ रहा है। क्योंकि केरल में मुस्लिमों की संख्या अधिक होने की वजह से आरिफ मोहम्मद खान केंद्र सरकार की नीतियों का भी भली-भांति समझाते रहते हैं।
केरल के राज्यपाल आरिफ और मुख्यमंत्री पिनराई में ये है नया विवाद
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राज्य सरकार और राज्यपाल आमने-सामने आ गए हैं। केरल सरकार ने शुक्रवार को अखबारों में विज्ञापन देकर दावा किया था कि राज्य सरकार संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए तत्पर है। विज्ञापन में कहा गया था कि सरकार ने नागरिकता संशोधन को सूबे में लागू न करने को लेकर विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया है। वहीं गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने सरकार की ओर से एक्ट के विरोध में अखबारों में विज्ञापन छपवाने को लेकर आपत्ति जताई है।
सरकार के विज्ञापनों को लेकर गवर्नर ने कहा कि अपनी राजनीतिक कैंपेन के लिए जनता के पैसे की बर्बादी करना पूरी तरह से गलत है। गवर्नर ने कहा कि यदि यह विज्ञापन किसी राजनीतिक दल की ओर से जारी किया गया होता तो कोई समस्या नहीं होती। बता दें कि केरल सरकार ने शुक्रवार को अखबारों में विज्ञापन देकर दावा किया था कि राज्य सरकार संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए तत्पर है।
विज्ञापन में राज्य सरकार ने यह कहा
गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यदि यह विज्ञापन किसी राजनीतिक दल की ओर से जारी किया गया होता तो कोई समस्या नहीं होती। केरल सरकार ने तीन राष्ट्रीय अखबारों में विज्ञापन देकर कहा था कि सरकार ने जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कई साहसी फैसले लिए हैं। सरकार ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर रोक की भी बात कही है। केरल के सीएम पिनराई विजयन की सरकार ने एनपीआर को एनआरसी का शुरुआती कदम करार दिया है।
राज्यपाल ने कहा कि सरकारी धन का इस्तेमाल संसद की ओर से पारित कानून के खिलाफ प्रचार में किया जा रहा है। यह मुझे अंचभित करता है। यह कोई पहला मौका नहीं है जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केंद्र सरकार का समर्थन किया है इससे पहले भी कई मौके पर वह मोदी सरकार की नीतियों के समर्थन में आए थे।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार