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The Habitats Trust Announces Annual Grants Program Launch - द हैबिटैट्स ट्रस्ट ने वार्षिक ग्रांट्स प्रोग्राम लॉन्च की घोषणा - Sabguru News
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द हैबिटैट्स ट्रस्ट ने वार्षिक ग्रांट्स प्रोग्राम लॉन्च की घोषणा

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द हैबिटैट्स ट्रस्ट ने वार्षिक ग्रांट्स प्रोग्राम लॉन्च की घोषणा
The Habitats Trust Announces Annual Grants Program Launch
 The Habitats Trust Announces Annual Grants Program Launch
The Habitats Trust Announces Annual Grants Program Launch

नई दिल्ली । द हैबिटैट्स ट्रस्ट ने अपने वार्षिक ग्रांट्स प्रोग्राम के लॉन्च की घोषणा की। इस कार्यक्रम के तहत व्यक्तियों और संस्थानों को वन्यजीवन एवं वन परिवेश के संरक्षण के लिए सराहनीय कार्य करने के लिए सम्मानित व सहयोग किया जाएगा।

इस ट्रस्ट का शुभारंभ 2018 में हुआ था और इसका उद्देश्य संरक्षण के लिए रोचक टेक्नॉलॉजी एवं केंद्रित ऑन-ग्राउंड प्रयासों, सामरिक साझेदारियों द्वारा वन परिवेश एवं वहां की स्थानीय प्रजातियों के संरक्षण के लिए कार्य करना है। एचसीएल कॉर्पोरेशन की सीईओ एवं शिव नादर फाउंडेशन की ट्रस्टी, रोशनी नादर मल्होत्रा द्वारा स्थापित, द हैबिटैट्स ट्रस्ट भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारे प्राकृतिक आवास की सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक सामरिक निवेश कर रहा है।

द हैबिटैट्स ट्रस्ट ग्रांट तीन विभिन्न श्रेणियों में हर साल तीन प्रतिभागियों का चयन करेगा। अपने प्रथम वर्ष में यह सभी आवेदकों के मूल्यांकन के लिए ग्रांट थॉर्नटन के साथ साझेदारी करेगा। जब आवेदकों की संख्या घटकर नौ फाईनलिस्टों (हर श्रेणी में तीन) तक रह जाएगी, तो प्रतिष्ठित वाईल्डलाईफ स्कॉलर्स एवं कंज़र्वेशनिस्टों की एक ज्यूरी विजेताओं का चयन करेगी। जिन तीन श्रेणियों के लिए ट्रस्ट आवेदन आमंत्रित कर रहा है, वो हैं:

1. स्ट्रेट्जिक पार्टनरशिप ग्रांट: 25 लाख रु. की यह फ्लैगशिप ग्रांट मध्यम से विशाल आकार के संस्थानों को संरक्षण के कार्य के लिए टू-वे पार्टनरशिप के निर्माण के लिए दी जाएगी। यह ग्रांट ऑन-ग्राउंड परियोजनाओं के संचालन के खर्च के लिए दी जाएगी। इस ग्रांट द्वारा भारत में संरक्षण की प्रमुख समस्याओं के समाधान के लिए सतत व पुनरावृत्ति योग्य संरक्षण मॉडलों का निर्माण संभव हो सकेगा।

2. कम ज्ञात हैबिटैट्स ग्रांट: 15 लाख रु. की इस ग्रांट का उद्देश्य देश के उपेक्षित एवं नजरंदाज किए गए वन परिवेशों को पुर्ननिर्मित एवं सुरक्षित करना है, जहां संरक्षण की अत्यधिक आवश्यकता है। ये कम ज्ञात वन परिवेश प्रमुख भूआकृतियों के बीच महत्वपूर्ण संपर्क का काम करते हैं और विलुप्तप्राय प्रजातियों तथा ‘सेलिब्रिटी’ पार्क्स से तितर बितर हुई जीव संख्या के लिए उत्तम आवास का काम करते हैं।

3. कम ज्ञात प्रजाति ग्रांट: हाल के सालों में देश की ग्लैमर प्रजातियों, जैसे ‘चीतों’, ‘तेंदुओं’, ‘हाथियों’ और ‘गैंडों’ पर काफी ध्यान दिया गया है। 10 लाख रु. की यह अद्वितीय ग्रांट कंज़र्वेशनिस्टों को भारत में कम ज्ञात विलुप्तप्राय प्रजातियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए काम करने में सहयोग करेगी।

विविधतापूर्ण देश, भारत में विश्व की भूमि का केवल 2.4 प्रतिशत हिस्सा है तथा यहां पर सभी प्रजातियों की 7 से 8 प्रतिशत प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें 45,000 प्रजाति के पौधे और 91,000 प्रजाति के जीव जंतु शामिल हैं। देश की विविध भौगोलिक विशेषताओं और मौसम की परिस्थितियों के फलस्वरूप विविध तरह के परिस्थिति तंत्र, जैसे वन, आर्द्र भूमि, घास के मैदान, रेगिस्तान, तटीय एवं समुद्री परिवेश विकसित हो गए हैं, जो उच्च जैव विविधता को बरकरार रखते हैं और मनुष्यों की सेहत में योगदान देते हैं।

विश्व में 34 जैव विविधता हॉटस्पॉट्स में से चार – हिमालय, पश्चिमी घाट, उत्तर पूर्व एवं निकोबर द्वीप समूह भारत में हैं। हालांकि परिवेश के विस्तृत नुकसान एवं पृथकीकरण, जंगलों पर बढ़ते बायोटिक दबाव तथा शिकारियों द्वारा विभिन्न प्रजातियों का शिकार और वन्य जीवों का अवैध व्यापार भारत की जैव विविधता को गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। प्रतिबद्ध कंज़र्वेशनिस्टों ने अपना जीवन देश के विविध जीवों और वनस्पतियों की सुरक्षा के लिए समर्पित कर दिया है और हैबिटैट्स ट्रस्ट उनके प्रयासों को मजबूत करने में सहयोग करता है।

इस अभियान के बारे में रोशनी नादर मल्होत्रा, सीईओ, एचसीएल कॉर्पोरेशन एवं ट्रस्टी, शिव नादर फाउंडेशन और फाउंडर व ट्रस्टी, द हैबिटैट्स ट्रस्ट्स ने कहा, ‘‘ऐसे कई संस्थान व लोग हैं, जो वन्य जीवों के अवैध व्यापार और विलुप्ति के खतरे के खिलाफ परिवेश के संघर्ष में सहयोग करने के लिए साहसी कदम उठा रहे हैं। हैबिटैट्स ट्रस्ट ऐसे संस्थानों को न केवल वित्तीय मदद देता है, बल्कि उन्हें क्षमता और सामर्थ्य के निर्माण में भी मदद करता है। हमारा सहयोग व नियमित मूल्यांकन इन संस्थानों को दीर्घकाल में अपना मिशन पूरा करने में मदद करेगा।’’

हैबिटैट्स ट्रस्ट ‘ऑन द ब्रिंक’ सीरीज़ का निर्माता है, जो भारत के विस्तृत व विविध हैबिटैट्स एवं इनमें रहने वाली विलुप्तप्राय प्रजातियों और कंज़र्वेशन के नायकों को कैप्चर करती है, जो इन प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाने के लिए काम कर रहे हैं।

द हैबिटैट्स ट्रस्ट के बारे में:
2018 में एचसीएल कॉर्पोरेशन की सीईओ एवं शिव नादर फाउंडेशन की ट्रस्टी, रोशनी नादर मल्होत्रा और एचसीएल हेल्थकेयर के वाईस चेयरमैन एवं शिव नादर फाउंडेशन के ट्रस्टी, शिखर मल्होत्रा द्वारा स्थापित, द हैबिटैट्स ट्रस्ट सामरिक साझेदारियों, जमीनी प्रयासों तथा संरक्षण के लिए टेक्नॉलॉजी के माध्यम से वन्य क्षेत्र एवं यहां की स्थानीय प्रजातियों की सुरक्षा के लिए काम करता है। यह फाउंडेशन ऐसी दुनिया की कल्पना करता है, जहां हमारे प्राकृतिक परिवेश भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित बन सकें और मनुष्य वन्यजीवों के साथ सामंजस्य बनाकर रहें।