अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के मालाखेड़ा पुलिस थाना क्षेत्र के नावली गांव में जिस बालक की हत्या को नरबलि माना जा रहा था पुलिस ने आज इस घटना का खुलासा करते हुये मृतक के परिवार के ही एक नाबालिक लड़के को निरुद्ध किया।
पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि 26 दिसंबर को नावली निवासी घीसाराम जाटव ने अपने बेटे 11 वर्षीय निर्मल उर्फ बाबू की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी लेकिन दूसरे दिन ही इसका शव सरसों के खेत में मिलने के बाद सनसनी फैल गई थी और मौके पर डॉग स्क्वायड और एफएसएल टीम ने पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। इस मामले में बाल अपचारी को निरुद्ध किया गया।
उन्होंने बताया कि आरोपी बाल अपचारी वर्ष 2018 में काफी बीमार था जिसका इसके घर वालों ने सभी जगह इलाज करवाया जो काफी समय बाद ठीक होने के बाद बाल अपचारी ने स्वयं में किसी देवता के आने का बताकर भूत प्रेत का इलाज करना शुरू किया। जिसको आसपास के ग्रामीण महाराज महाराज कहकर बुलाते थे और मृतक निर्मल इसको महाराज महाराज कहकर चिढ़ाता था जिससे यह बाल अपचारी खुद को निर्मल से खफा रहता था और बदला लेने के लिए 26 दिसंबर की सुबह 10 बजे बाल अपचारी मृतक बालक को यह कहकर अपने साथ ले गया कि ठाकुर बाबा के खेत की तरफ कुत्तों ने मोर मार दिए हैं। उसे देखने चलते हैं और सरसों के खेत में ले जाकर मौका पाकर दोनों हाथों से गला दबाकर हत्या कर दी जिसका शव अगले दिन सरसों के खेत में पड़ा मिला था।
पुलिस ने इसे नरबलि से इनकार करते हुए बताया कि खेत में किसी जानवर द्वारा मृतक के कान नाक में नाखूनों को काटा गया है और यह मेडिकल बोर्ड द्वारा चोटों की मृत्यु के बताया गया है।