

कोटा। राजस्थान के कोटा में एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर की हत्या कर भागा बदमाश सुनील पांचाल को अलवर जिले में कोटा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन गिरफ्तारी से पहले उसने गोली मारकर एक सहायक पुलिस निरीक्षक को घायल कर दिया।
पुलिस अधीक्षक (शहर) डॉ विकास पाठक ने शुक्रवार देर शाम पत्रकारों को बताया कि कोटा पुलिस ने उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया है जबकि वन विभाग की जमीन पर कब्जा करके बनाए गए उसके मकान को धराशाई कर दिया है। उन्होंन बताया कि गत 24 मार्च को कोटा के अनंतपुरा थाना इलाके में एक हिस्ट्रीशीटर जीतू गोस्वामी उर्फ जीतू टेंशन की सुबह सरेआम दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने इस मामले में बदमाश सुनील पांचाल सहित उसके दो साथियों को नामजद किया था जिनसे प्रॉपर्टी को लेकर जीतू से विवाद चल रहा था। पुलिस ने इस मामले में सुनील पांचाल के दो साथियों राजा शर्मा (24) और चौथमल मीणा (26) को गिरफ्तार किया, जिनसे पूछताछ में सुनील पांचाल के अलवर जिले में होने की सूचना मिलने के बाद तत्काल एक पुलिस टीम को वहां के लिए रवाना किया।
कोटा पुलिस को एक सूचना के आधार पर सुनील पांचाल के अलवर जिले में लालसोट से नांगल राजावतान की ओर आने की सूचना मिली तो पुलिस ने रास्ते में नाकेबंदी कर दी। इसी दौरान एक संदिग्ध वाहन को आते देखकर कोटा पुलिस ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो वाहन में सुनील पांचाल ने गोली चलाकर एएसआई हरिराम मीणा को घायल कर दिया और भागने की कोशिश की लेकिन वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। हरिराम मीणा के बाएं पैर में गोली लगी है और उनकी हालत खतरे से बाहर है। गिरफ्तार बदमाश को आज कोटा लाया जा रहा है। कोटा के महावीर नगर थाना क्षेत्र में चाकूबाजी के एक मामले में उस पर पहले से ही पांच हजार रुपये का इनाम घोषित है।
इस बीच पुलिस ने पुलिस के सहयोग से वन विभाग की टीम ने इस इनामी बदमाश के उस मकान को जेसीबी मशीन की मदद से धराशाई कर दिया जो उसने वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण करके बना रखा था।