सबगुरु न्यूज। इस समय पूरा देश कोरोना संकट काल के दौर से गुजर रहा है। चाहे अफसर, मंत्रियों या आम जनता सभी केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के द्वारा बनाए गए गाइडलाइन और नियमों का पालन कर रहे हैं। इस महामारी हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। चिंता ज्यादा बढ़ जाती है जब केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ही गाइडलाइन का पालन न करें। हम बात कर रहे हैं केंद्र सरकार के आयुष मंत्री सदानंद गौड़ा की। कोरोना वायरस को संक्रमण से रोकने के लिए मोदी सरकार लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारैंटाइन नियमों का पालन करने के लिए लगातार अपील कर रही है।
लेकिन, देशभर में घरेलू उड़ानें शुरू होने के पहले ही दिन केंद्र में औषधि मंत्री सदानंद गौड़ा ने इन नियमों को दरकिनार कर दिया। सदानंद गौड़ा सोमवार को प्लेन के जरिए दिल्ली से बेंगलुरु पहुंचे। लेकिन, कर्नाटक सरकार ने विमानों से आने वाले यात्रियों के लिए जो इंस्टिट्यूशनल और होम क्वॉरेंटाइन गाइडलाइन तय की है, उसका पालन गौड़ा ने नहीं किया। जबकि कोविड-19 के अत्यधिक मामले वाले राज्यों से यहां आने वाले हवाई यात्रियों को कर्नाटक सरकार ने पृथक-वास में जाने का आदेश दे रखा है।
मैं मंत्री हूं मेरे लिए नियमों में छूट है : गौड़ा
आयुष मंत्री सदानंद गौड़ा सोमवार को जब दिल्ली से प्लेन द्वारा बेंगलुरु पहुंचे तब उन्हें आम यात्री को साथ होम क्वॉरेंटाइन के नियमों का पालन करना चाहिए लेकिन जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने और भी अटपटा जवाब दिया। गौड़ा से जब पूछा गया कि वे क्वॉरेंटाइन पीरियड में क्यों नहीं जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि मैं मंत्री हूं। मैं औषधि मंत्रालय देख रहा हूं।
अगर दवाइयों और अन्य चीजों की सप्लाई सही नहीं होगी तो डॉक्टर मरीजों का इलाज कैसे कर पाएंगे, क्या तब ये सरकार की विफलता नहीं होगी? उन्होंने कहा कि देश के हर कोने में दवाइयों की सप्लाई होती रहे यह मेरी जिम्मेदारी है। गौड़ा ने कहा- गाइडलाइन सभी नागरिकों के लिए हैं। लेकिन, कुछ लोगों के लिए, जो खास जिम्मेदारी वाले पदों पर हैं, उनके लिए कुछ छूट तय की गई है।
प्लेन में भी केंद्र सरकार को ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ के नियम बनाने होंगे
विदेशों में फंसे भारतीयों को ला रहा प्लेन में भी केंद्र सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग की गाइड लाइन तय करनी होगी । सरकार को मुनाफे की ओर नहीं भागना चाहिए बल्कि लोगों की सुरक्षा और कोरोना महामारी से बचाव के लिए कुछ चीजों के साथ समझौता भी करना होगा। हम बात कर रहे हैं हवाई जहाज में मध्य वाली सीट को लेकर। नागरिक उड्डयन मंत्रालय को कुछ दिनों के लिए जहाज में मध्य वाली सीट खाली रखनी होगी, ऐसा करने से यात्रा करने वाले यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी।
एक ओर जहां केंद्र सरकार इस महामारी से बचने के लिए देश वासियों के लिए लगातार गाइडलाइन बनाती जा रही है लेकिन जभ अपने नियमों पर आती है तो वह इसका पालन करने से कतरा क्यों नहीं है ? इसी को लेकर सोमवार को सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगते हुए कहा है कि आप लोगों साथ ऐसा खिलवाड़ न करें। यही नहीं अदालत में यह भी कहा कि केंद्र सरकार देश में दो नियम नहीं चला सकती है।