सबगुरु न्यूज। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों को कोरोना संक्रमितों के डिस्चार्ज होने की नई नीति को लागू करने से देशभर में रिकवरी रेट तेजी के साथ आने लगे हैं साथ ही यह नए नियम मरीजों के लिए भी राहत कही जा सकती है। अभी तक देश में कोरोना संक्रमित मरीज चाहे ‘हल्के लक्षण’ हों को भी आइसोलेशन वार्ड में 14 दिन रहना पड़ता था। यहां आपको बता दें कि देशभर में इस महामारी से मरीजों में इतना खौफ नहीं था जितना कि अस्पताल में मनाया गया आइसोलेशन वार्ड और क्वॉरेंटाइन को लेकर बना हुआ है।
यहां फैली अव्यवस्था इस कदर थी कि मरीजों को वहां जाने से भी डर लगने लगा था। आगरा समेत कई शहरों में सरकारी व्यवस्थाओं और बनाए गए आइसोलेशन वार्ड की पोल भी खुल चुकी है। डिस्चार्ज की नई पॉलिसी के अंतर्गत पिछले कई दिनों से देशभर के कई शहरों से सैकड़ों मरीज डिस्चार्ज किए जाने लगे हैं। कोरोना के प्रकोप को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है और लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील कर रही है।
मामूली लक्षण और डिस्चार्ज से पहले परीक्षण नहीं किए जा रहे हैं
नई डिस्चार्ज पॉलिसी के मुताबिक, अगर किसी मरीज में कोरोना के हल्के लक्षण हैं या संदिग्ध मरीज में कोरोना के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं तो उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। इसके साथ जारी हुए दिशा निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी मरीज को डिस्चार्ज किया जाता है तो इससे पहले परीक्षण की जरूरत नहीं होगी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें खुद को घर में आइसोलेट करके रखना अनिवार्य होगा, जिसकी अवधि 7 दिन होगी।
इन मरीजों को अगर तीन दिन तक बुखार, सर्दी-खांसी नहीं आता है तो उन्हें 10 दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। वहीं इन्हें इसके बाद किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं होगी, लेकिन सुरक्षा दृष्टि से घर पर इन्हें खुद को 7 दिनों तक आइसोलेट करके रखना होगा। हालांकि, डिस्चार्ज से पहले अगर ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 फीसदी से कम पाया जाता है तो मरीजों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर भेज दिया जाएगा।
संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए नहीं लागू होंगे यह नियम
यह नियम संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए नहीं हैं। इसलिए अगर कोरोना के गंभीर मरीज को अस्पताल से छुट्टी देना है या नहीं और अगर छुट्टी दी गई है तो उसे किन नियमों का पालन करना होगा इसका फैसला डॉक्टर ही लेंगे। गौरतलब है कि चंडीगढ़ के पीजीआई ने केंद्र सरकार की न्यू डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत 44 कोरोना पॉजिटिव मरीज जिनमें कोई लक्षण नहीं थे, उन्हें एक अलग धर्मशाला में शिफ्ट कर दिया गया है। यह मरीज जब पीजीआई से डिस्चार्ज किए जा रहे थे इनके आंखों में और चेहरे में बहुत सुकून था वहीं सभी ने डॉक्टरों को धन्यवाद भी कहा। यही नहीं देश के कई शहरों से ऐसे कम लक्षण वाले मरीज डिस्चार्ज होने से उनको राहत मिलने लगी है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार