नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना विषाणु की वैश्विक महामारी के कारण 25 मार्च से जारी देशव्यापी लॉक डाउन को 17 मई से आगे बढ़ाने की घोषणा करते हुए आज कहा कि चौथे चरण में नए नियम लागू होंगे तथा मास्क लगा कर और दो गज की दूरी का पालन करते हुए देशवासी अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आगे बढ़ेंगे।
मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4.0, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4.0 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना लंबे समय तक जीवन का हिस्सा रहने वाला है। लेकिन ऐसा नहीं है कि हमारी जिंदगी कोरोना के इर्दगिर्द ही सिमट कर रह जाए। हम मास्क पहनेंगे और दो गज की दूरी का पालन करेंगे लेकिन अपने लक्ष्यों को दूर नहीं होने देंगे और उन्हें पाने के लिए आगे बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि नियमों का पालन करते हुए इस संकट से लडेंगे भी और आगे भी बढ़ेंगे।
मोदी ने कोरोना संकट को भारत के लिए एक अवसर भी बताया और 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिये आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया। मोदी ने देश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों, कुटीर उद्योगों, किसानों आदि के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के युग में आए इस संकट को स्थानीय यानी लोकल पर निर्भरता के कारण काफी हद तक नियंत्रित किया जा सका है। इसने प्रत्येक क्षेत्र में हर प्रकार की आत्मनिर्भरता के मंत्र को जीवंत किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है। 21वीं सदी, भारत की सदी बनाने का हमारा दायित्व, आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा। इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राणशक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी। आत्मनिर्भर भारत का ये युग, हर भारतवासी के लिए नूतन प्रण भी होगा, नूतन पर्व भी होगा। अब एक नई प्राणशक्ति, नई संकल्पशक्ति के साथ हमें आगे बढ़ना है।
उन्होंने कहा कि जब आचार विचार में कर्त्तव्य का भाव हो,कर्मठता की पराकाष्ठा हो, कौशल की पूंजी हो तो आत्मनिर्भर बनने से कौन रोक सकता है। भारत को आत्मनिर्भर बनना ही होगा।
‘लोकल’ के लिए ‘वोकल’ बनें
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ महामारी के बीच देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोगों से स्थानीय उत्पाद खरीदने और उस पर गर्व करने की अपील की है।
मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि कोरोना संकट के बीच स्थानीय विनिर्माण, स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला का महत्त्व हमारी समझ में आ गया है। उन्होंने कहा कि संकट के समय लोकल ने ही हमें बचाया है। समय ने सिखाया है लोकल को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना है। आज से हर भारतवासी को लोकल के लिए वोकल बनना है। न सिर्फ लोकल उत्पाद खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है।
उन्होंने कहा कि आज जो ग्लोबल ब्रांड हैं वे भी शुरू में लोकल ही थे। जब उन देशों के लोगों ने उनका इस्तेमाल शुरू किया तभी वे ग्लोबल बन सके। अपने संबोधन में देश को आत्मनिर्भर बनाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कड़ी प्रतिस्पर्द्धा के लिए देश तैयार होगा।
देश में हर रोज बन रहे दो लाख पीपीई किट
प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने की वकालत करते हुए कहा है कि जब देश में कोरोना संकट शुरू हुआ था तो हम लोगों की रक्षा के लिए एक भी पीपीई किट नहीं बनाते थे लेकिन आज हर दिन दो लाख पीपीई किट बना रहे हैं।
मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संदेश में यह जानकारी देते हुए कहा कि जब कोरोना का संकट शुरू हुआ था, तो हम एन 95 नामक मास्क भी बहुत ही कम बनाते थे लेकिन आज हर रोज हम रोज दो लाख मास्क बना रहे हैं। मोदी ने यह भी कहा कि अब देश में लंबे समय तक कोरोना वायरस को रहना है लेकिन हमने संकट को भी अवसर में बदल दिया और आत्मनिर्भर होकर उत्पाद करने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि हमें कोरोनो के खिलाफ लड़ना है और लड़ते हुए जीना है तथा मास्क पहनकर रहना है तथा देश को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि हमें चौथे लॉकडाउन के आरंभ होने पर कुछ नियमों के साथ उनका पालन करना होगा तथा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए काम करना होगा।