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भारत में कोरोना महामारी को लेकर पूर्व की भविष्यवाणी अब सच होने लगी हैं - Sabguru News
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भारत में कोरोना महामारी को लेकर पूर्व की भविष्यवाणी अब सच होने लगी हैं

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भारत में कोरोना महामारी को लेकर पूर्व की भविष्यवाणी अब सच होने लगी हैं
The prediction about the Corona epidemic in India is now coming true.
The prediction about the Corona epidemic in India is now coming true.
The prediction about the Corona epidemic in India is now coming true.

भारत। भारत में कोरोना महामारी फैलने को लेकर कुछ समय पहले की गईं भविष्यवाणियां अब सच साबित होने लगी हैं। डब्ल्यूएचओ, अमेरिका के महामारी एक्सपर्ट भारत की आईसीएमआर और एम्स के डायरेक्टर ने भारत में जून जुलाई माह में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने की चेतावनी जारी की थी। इसके बावजूद केंद्र सरकार इन सभी चेतावनी के बाद भी इन पर पर्दा डालती रही है। अब जबकि भारत कोरोना संक्रमित देशों के मामले में एशिया में प्रथम और विश्व में चौथे नंबर पर आ खड़ा हुआ है। देश में कोरोना के तेजी के साथ बढ़ते आंकड़े केंद्र सरकार के लिए जरूर चिंता बढ़ा रहे हैं। जब से देश में अनलॉक और प्रवासियों के अपने-अपने राज्यों में लौटने से संक्रमितों की संख्या हर दिन दस हजार का आंकड़ा पार कर रही है।

वहीं विश्व के तमाम देशों में महामारी का प्रभाव कम होता जा रहा है लेकिन भारत में हर दिन तेजी के साथ बढ़ रहा है।भारत भी इस महामारी की चपेट में बुरी तरह फंस चुका है, इसमें भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या 3 लाख से पार पहुंच गई है। इनमें से कुल 8,498 की मौत हो गई है। एक लाख 41 हजार का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। वहीं एक लाख 47 हजार मरीज इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं।

आने वाले समय में भारत में सबसे ज्यादा स्थित चिंताजनक होगी

देश में कोरोना महामारी इसी प्रकार से अपने तेजी से पांव पसारती रही तो यह जुलाई-अगस्त में और भी खतरनाक स्तर पर पहुंच जाएगी। आपको बता दें कि मौजूदा समय में दुनिया में कोरोना केस बढ़ने की रफ्तार ब्राजील में सबसे ज्यादा है। ब्राजील में हर दिन औसतन 30 हजार नए मामले आ रहे। इसके बाद अमेरिका में औसतन 25 हजार नए केस आ रहे। इसके बाद तीसरे नंबर पर भारत में सबसे ज्यादा केस हर दिन दर्ज किए जा रहे हैं। एक्टिव केस मामले में भारत का दुनिया में चौथा स्थान है। यानी कि भारत चौथा ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। अमेरिका, ब्राजील और रूस में सबसे ज्यादा एक्टिव मामले हैं। चौथे नंबर पर भारत है, इसके बाद पेरू, पाकिस्तान, बांग्लादेश, फ्रांस में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं।

मुंबई और दिल्ली में यह महामारी दे रही है खतरनाक संकेत

एक ओर देश की राजधानी दिल्ली दूसरी ओर आर्थिक राजधानी मुंबई यह दोनों इस समय महामारी से जबरदस्त है घिरे हुए हैं। देश में सबसे अधिक हर दिन इन दोनों शहरों से मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि भी हो रही है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और महाराज क उद्धव ठाकरे सरकार मरीजों की संख्या में वृद्धि होने और हालात बिगड़ने पर अब अस्पतालों का अलाप राग रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने साफ तौर पर कह दिया है कि दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली वालों का ही इलाज होना चाहिए इस पर भी राजनीति गर्म हो गई।

यही नहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने तो यहां तक कह दिया कि राजधानी में यह महामारी तीसरे चरण में पहुंच चुकी है। केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को यह चिंता सता रही है। राजधानी दिल्ली की स्थिति इसलिए भी गंभीर है क्योंकि यहां पॉजेटिविटी रेट लगातार बढ़ रहा है। इसका मतलब होता है कि कितने टेस्ट पर कितने लोग संक्रमित मिले। देश में जो हालात मौजूदा समय में बयां कर रहे हैं यह साफ संकेत दे रहा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें आने वाले समय में कुछ पाबंदियां जरूर लगा सकती हैं।

टेस्टिंग, अस्पताल और बेड के लिए अब देश में मची है खींचतान

हमारे देश में मेडिकल सुविधाओं का अभाव है यह जगजाहिर है। इस महामारी ने भारत की पोल और खोलकर रख दी है। टेस्टिंग, अस्पताल और बेड का न होना दिल्ली और मुंबई में इस समय परेशानी का सबब बनी हुई है। ये दोनों महानगर ही देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ये घटनाएं उन हालात से मेल खाती हैं, जिनसे महामारी के सबसे खराब दौर में इटली और अमेरिका के न्यूयॉर्क को गुजरना पड़ा था। दोनों शहरों में आबादी का अधिक होना भी मुसीबत बना हुआ है। दिल्ली शहर की आबादी 1.68 करोड़ और मुंबई की 1.25 करोड़ है। मुंबई का आबादी घनत्व, हालांकि दिल्ली से बहुत अधिक है। मुंबई दुनिया का दूसरा सबसे घनी आबादी वाला शहर है। मुंबई में सैकड़ों ऐसे एरिया हैं जिसका घनत्व बहुत ज्यादा है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार