नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसके संक्रमितों की संख्या 47 हजार के करीब पहुंच गयी है लेकिन राहत भरी बात यह है कि पीड़ितों के स्वस्थ होने की दर में निरंतर इजाफा जारी है और मंगलवार को यह बढ़कर 28 फीसदी हो गयी।
देश में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर सोमवार को 27.45 प्रतिशत थी। रविवार को यह 27 फीसदी से अधिक थी जबकि गुरुवार को करीब 24.91 फीसदी थी। गत बुधवार को यह 24.52 प्रतिशत थी। यह दर वैश्विक महामारी से जूझ रहे विश्व के कई देशों की तुलना में काफी बेहतर है।
राहत की एक और बात यह है कि संक्रमितों की मृत्यु दर 3.3 फीसदी है जो पहले की तुलना में बेहद मामूली वद्धि मानी जा सकती है। सोमवार को संक्रमितों की मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत थी जबकि उससे पहले यह दर कई दिनों तक 3.1 प्रतिशत पर स्थितर रही थी। मंगलवार को मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 28 फीसदी से अधिक हो गयी जबकि रोगियों की मृत्यु दर दशमलव एक वृद्धि के साथ 3.3 प्रतिशत हो गयी।
देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और सोमवार शाम से मंगलवार तक रिकॉर्ड 3835 नये मामले सामने आने के साथ ही देश में संक्रमितों की संख्या 47 हजार के करीब पहुंच गयी तथा इसके कारण 194 और लोगों की मौत होने से मृतकों की तादाद 1583 हो गयी है।
देश के 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के अब तक कुल 46711 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें 111 विदेशी मरीज शामिल हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने के मामलों में भी लगातार वृद्धि हो रही है और पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमित 1399 लोगों के स्वस्थ होने के साथ ऐसे लोगों की संख्या 13161 पहुंच चुकी है। देश में वर्तमान में कोरोना वायरस के 31967 सक्रिय मामले हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्री समूह की 14वीं बैठक हुई जिसमें कोरेाना से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने यहां बताया कि मंत्री समूह ने डॉ हर्षवर्धन की अध्यक्षता में अपनी 14वीं बैठक की जिसमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं, पीपीई, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडरों की स्थिति,एन -95 मॉस्क और अन्य उपकरणों के बारे में चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि लोगों को कोरोना वायरस के जोखिम से सचेत करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जाए और उन्हें आरोग्य सेतु को डाउनलोड करने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि बैठक में चिकित्साकर्मियों को पीपीई के बारे में इस्तेमाल करने के लिए चर्चा की गई है और अस्पतालों के विभिन्न क्षेत्रों में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बातचीत हुई। इन दिशा-निर्देशों को सरकारी तथा निजी क्षेत्रों के अस्पतालों को अपनाना होगा।
अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने बिहार सरकार को आश्वासन दिया है वहां दिमागी बुखार संक्रमण से लड़ने में केन्द्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद की जाएगी।
डा़ हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिेंग के जरिए इस बैठक में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को आश्वस्त किया कि केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिए राज्य में एक्यूट एंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से लड़ने में हर तरह की सहायता दी जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि इस समय पूरे विश्व में कोरोना संक्रमण फैल चुका है और भारत सरकार ने इससे लड़ने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी और इस दौरान अब लॉकडाउन में जो रियायतें दी जा रही है। उनका सभी देशवासियों को पालन करना होगा क्योंकि किसी एक स्तर पर की गई लापरवाही अब तक सारी मेहनत को खराब कर देगी। इस दौरान सरकार की जिम्मेदारी के साथ पूरे समाज की जिम्मेदारी बनती है और प्रत्येक नागरिक इस लडाई में सहयोग करे।
उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों से कोरोना के बारे में समय पर जानकारी नहीं मिल रही थी और जब उनसे इस मामले में कहा गया जो उन्होंने जानकारी उपलब्ध करानी शुरू कर दी और यही कारण है कि कोरोना मामलों में इतनी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।
अग्रवाल ने बताया कि सभी को यह ध्यान में रखना चाहिए कि एक संक्रामक रोग से लड़ रहे हैं और ऐसे में सभी की जिम्मेदारी बनती है कि मामलों को सही समय पर रिपोर्ट करें क्योंकि ऐसा नहीं करने से अनेक लोगों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों से कोरेाना मामलों के बारे में सही जानकारी नहीं दी जा रही है और यह जरूरी है कि इस तरह के केसों की जानकारी दी जाए और उनकी संपर्क सूत्रों का भी पता लगाया जाए।