सबगुरु न्यूज। हमारा देश दुनिया भर में आशा और उम्मीदों को जगाने के लिए पहचाना जाता है। आज भी घटना, दुर्घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं में आस्था से जोड़कर देखा जाता है। देशवासियों की यही आस्था उम्मीदों में बदलती जाती है। अगर हम कोरोना संकट की बात करें तो यह महामारी भारत में तेजी के साथ पांव पसारती जा रही है। मौजूदा समय में देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1 लाख 10 हजार पार कर गई है। इस हफ्ते मरीजों के बढ़ने की रफ्तार पहले से तेज हुई है। अब हर 2 दिन में 10 हजार या उससे ज्यादा संक्रमित बढ़ रहे हैं। फिर भी देश की एक अरब 30 करोड़ से अधिक लोगों ने अभी भी इस महामारी पर विजय पाने के लिए उम्मीदें लगाए बैठे हैं।
देश में कई पुरानी कहावतें प्रचलित हैं, जैसे ‘चलती का नाम गाड़ी’ ‘आगे बढ़ते रहना है रुकना नहीं है’ ‘जो रुक गया वो वहीं थम गया’ और ‘डर के आगे जीत है’ यह वह बातें है जो प्रत्येक हिंदुस्तानियों में हर मुश्किलों से निकलने के लिए जज्बा पैदा करती हैं। देश के लोगों की उम्मीद है इसलिए भी और अधिक बढ़ गई है कि इस महामारी की चपेट में आने वाले मरीज ठीक भी बहुत तेजी के साथ हो रहे हैं। हम आपको बता दें कि अब हर दिन औसतन ढाई हजार मरीज ठीक भी हो रहे हैं। बीते सात दिन में 19 हजार मरीज ठीक हुए हैं।
इस महामारी पर जल्द ही नियंत्रण पाने और जिंदगी पटरी पर दौड़ने की लगी आस
करोड़ों देशवासी इस वैश्विक महामारी से न डरे न सहमें हैं और नहीं घबराए हुए हैं, बल्कि उनको पूरा विश्वास है कि भारत जल्द ही इस महामारी पर नियंत्रण पा जाएगा और जिंदगी फिर से दौड़ने लगेगी। केंद्र और राज्य सरकारों का चौथे लॉकडाउन में पाबंदियों में ढील देना साफ संदेश दे रहा है कि कि हम अब कोरोना वायरस से डरेंगे नहीं बल्कि इससे बचाव करते हुए आगे बढ़ेंगे। देश के अधिकांश राज्यों में दुकाने और यातायात आवाजाही कुछ शर्तों के साथ शुरू हो गई है। वहीं ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में तो लगभग सभी दुकाने खुल गई हैं।
साथ ही रेड जोन और कंटेनमेंट जोनों में भी जरूरत की अधिकांश दुकानें खुल रही हैं। यही नहीं सरकारी और प्राइवेट दफ्तर भी 30 से 40 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ खुलने लगे हैं। देश की सड़कों पर भी बाइक और कार सवारों की अच्छी-खासी तादाद देखी जा सकती है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण करीब दो महीने घरों में कैद दिल्ली समेत कई शहरों के लोग जब आवाजाही की छूट मिलते ही सड़कों पर निकले तो पहले ही दिन जाम जैसे हालात पैदा हो गए। दिल्ली में अधिकतर सभी सड़कों पर पहले की तरह ही गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। लोग घरों से धीरे-धीरे निकलने लगे हैं लेकिन अभी भी कोरोना वायरस का डर बना हुआ है लेकिन इनका जज्बा बताता है कि जिंदगी एक बार फिर से उम्मीदों से भरी उड़ान भरेगी।
देश में रेलगाड़ी भी दौड़ने के लिए शुरू कर रही हैं तैयारी
कोरोना संकट के बीच यात्रियों के लिए एक और राहत भरी खबर है कि आगामी 1 जून से देश में 200 पैसेंजर ट्रेनें दौड़ना शुरू कर देंगी। इसके लिए आज यानी से ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू हो चुकी है। यात्री आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर से आप टिकट बुक करवा सकते हैं। टिकट गुरुवार सुबह 10 बजे से बुक करवा सकते हैं। इन ट्रेन सेवाओं में जन शताब्दी ट्रेनें, संपर्क क्रांति, दुरंतो एक्सप्रेस और अन्य नियमित यात्री ट्रेनें शामिल होंगी इन ट्रेनों में अनारक्षित कोच नहीं होंगे। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए पीएम मोदी ने 25 मार्च से लॉकडाउन का एलान किया था। इसके साथ देश में हर तरह की यातायात बंद हो गई थी। चाहे प्लेन हो, ट्रेन हो या सड़क यातायात, सब कुछ बंद था। लेकिन अब लॉकडाउन के चौथे चरण में सरकार ने यायातात में छूट देने का एलान किया है।
घरेलू विमानों से भी यात्री आने वाले दिनों में कर सकेंगे यात्रा
कोरोना संकट काल में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय विमानों के उड़ने पर भी केंद्र सरकार ने रोक लगा दी थी। लेकिन अब फिलहाल घरेलू विमानों के उड़ने की इजाजत दे दी गई है। यानी अब देश में एक शहर से दूसरे शहर में हवाई जहाज से यात्रा कर सकेंगे। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि घरेलू यात्री उड़ानों को 25 मई से क्रमिक तरीके से बहाल किया जाएगा।
हालांकि पुरी ने यह नहीं बताया कि अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें कब बहाल होंगी। कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच देश में 25 मार्च से सभी व्यावसायिक यात्री उड़ानें निलंबित हैं। यात्री उड़ानें फिर से शुरू करने पर केंद्र सरकार अकेले फैसला नहीं कर सकती, राज्य सरकारों को भी इस पर सहयोग करना होगा। शुरू में 30 प्रतिशत घरेलू उड़ानों को इजाजत दी जाएगी। यानी यात्री हवाई जहाज की यात्रा का लुत्फ भी उठा सकेंगे।
देश के धार्मिक स्थल और मंदिर को भी खोला जा रहा है
चौथे लॉकडाउन के बाद अब धीरे-धीरे देश के कई राज्यों में धार्मिक स्थल और मंदिरों को खोलने की तैयारी तेजी के साथ शुरू हो गई है। लॉकडाउन के कारण मंदिरों और धार्मिक शहरों की अर्थव्यवस्था चरमराने लगी है। उत्तराखंड में चारधाम सहित पहाड़ों पर मौजूद 100 से ज्यादा मंदिर खुल गए हैं, लेकिन यहां हर साल श्रद्धालुओं का जो जमघट होता है, वो नदारद है। अभी फिलहाल भक्त यहां जब तक आदेश ना हो जाए दर्शन नहीं कर पाएंगे।
उत्तराखंड सरकार लोगों से टूरिज्म को बूस्ट करने के लिए सुझाव मांग रही है। गौरतलब है कि हरिद्वार से 400 किमी आगे तक उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे बड़े तीर्थ हैं। यहां ट्रेवलिंग, रॉफ्टिंग, होटल और टूर गाइड जैसे काम बंद पड़े हैं। यही नहीं आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर को भी 31 मई के बाद खोलने की तैयारी की जा रही है। चौथे लॉकडाउन के खत्म होने के बाद वैष्णो देवी का मंदिर भी खोला जा सकता है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार