जयपुर। पिछले कुछ दिनों से दुनिया भर में ईरान चर्चा में बना हुआ है। इसका कारण है उसकी अमेरिका से जबरदस्त तनातनी चल रही है। एक सप्ताह पहले अमेरिकी सैनिकों ने ईरान के सर्वोच्च सैनिक कमांडर सुलेमानी की हत्या कर दी थी। सुलेमानी की हत्या के बाद पूरे ईरान में अमेरिका के प्रति जबरदस्त आक्रोश व्याप्त हो गया है। अमेरिका और ईरान में जारी युद्ध को लेकर दुनिया के तमाम देश चिंतित हैं। भारत ने भी ईरान पर हमले को लेकर अपनी चिंता साफ जाहिर की है, जिसका ईरान की तरफ से स्वागत किया गया है।
लेकिन आज हम आपको अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनाव की बातें नहीं बताएंगे बल्कि ईरान में जैसे सख्त पाबंदी लगी हुई हैं लेकिन एक समय ऐसा यह देश नहीं था। 70 के दशक में ईरान में बहुत ही खुलापन हुआ करता था, यहां की जिंदगी बहुत ही मॉडर्न मानी जाती थी। विश्व के कई देश के लोग ईरान में घूमने जाया करते थे। वहां वैसे ही जिंदगी जी जाती थी जैसे पश्चिम देशों में।
खुले विचारों और महिलाओं को आजादी थी ईरान में
जीने के अंदाज को लेकर किसी तरह का रोक नहीं था। इस्लामिक क्रांति से पहले ईरान में पश्चिमी सभ्यता का काफी बोलबाला था। लोग इसका आनंद भरपूर लेते थे। महिलाओं में बहुत खुलापन और आजादी थी। पहनावे और खानपान को लेकर कोई रोकटोक नहीं थी। कला, संगीत, फिल्म और साहित्य को लेकर जागरूक थे। पहले महिलाओं को इतनी आजादी थी कि वे कुछ भी पहन सकती थी, कहीं भी आ-जा सकती थीं। 70 के दशक में ईरान के लोग पश्चिमी पहनावे से प्रेरित नजर आते हैं। महिलाएं लॉन्ग बूट पहनती थी। वैसे कपड़े पहनती थीं जो उन्हें जरूरत के अनुसार ठीक लगते थे। लेकिन आज महिलाएं ऐसा नहीं कर सकतीं।
लाखों पर्यटक ईरान सैर सपाटा करने जाते थे
70 के दशक के आसपास विश्व के कई देशों के लोग ईरान में सैर सपाटा करने जाया करते थे। पर्यटकों को वहां का खुलापन और वहां की संस्कृति खूब रास आती थी। वहां का रहन सहन और खान पीन भी पर्यटकाें का मनपसंद हुआ करता था। उस दौर में ईरान में मशहूर पॉप गायिका गूगूश हुआ करती थीं। उनके टेप और एल्बम आज भी उन लोगों के पास मिल जाएंगे। पुरुष-महिलाएं तटों और स्वीमिंग पूल पर वही कपड़े पहनकर नहाते थे जो उस समय के लिए बने थे। आज महिलाएं ऐसा नहीं कर सकतीं, उन्हें हिजाब पहनना ही होता है। लेकिन अब पर्यटन को लेकर भी ईरान की सरकार बहुत कम प्रचार-प्रसार करती है। उनके पर्यटन स्थलों को लेकर आजकल बेहद कम जानकारी मिलती है।
1980 में ईरान में शरिया कानून लागू होने से देश में खत्म हो गई आधुनिकता
80 के दशक में धीरे-धीरे ईरान में क्रांति होने लगी। 1979 में ईरान के शाह मोहम्मद रेजा पहलवी को सत्ता से हटा दिया गया था। हालात ये थे कि शाह मोहम्मद को सत्ता ही नहीं, देश छोड़ने पर भी मजबूर होना पड़ा। फिर अयातुल्लाह खमैनी ने देश की कमान संभाल ली। ईरान में इस्मालिक राज्य की स्थापना हुई। शरिया कानून लागू कर दिया था। इस कानून के नियम-कायदे बहुत ज्यादा सख्त हो गए हैं।
इनका पालन नहीं करने वालों कड़ी सजा मिलती है। समय बीतता गया उसके बाद ईरान में कई और पाबंदियां लगाई गई। उसके बाद ईरान में सभी पश्चिमी सभ्यता का अंत हो गया। आज यह देश शरिया कानून के अंतर्गत नियमों में जकड़ा हुआ है। महिलाओं को हिजाब में रहना जरूरी है। जो इस कानून को नहीं मानता या तोड़ता है उसे सख्त सजा दी जाती है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार