जयपुर। राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को देश में तनाव का माहौल के लिए जिम्मेदार ठहराने पर पलटवार करते हुए कहा है कि जाति, धर्म के नाम पर तुष्टीकरण की राजनीति कांग्रेस की देन है, जो उसने देश की सत्ता में रहते हुए 50-55 वर्षों तक की और आज भी कांग्रेस यह राजस्थान में कर रही है लेकिन भाजपा का शासन आने पर कोई दंगा-उपद्रव नहीं होगा।
डा पूनियां ने एक बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस सरकार राजस्थान में इस कदर तुष्टीकरण कर रही है, जिसमें बहुसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं, और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दंगा, उपद्रव होने के बाद खुद की सरकार की विफलताओं को छिपाने, कांग्रेस की जाति-धर्म की राजनीति से ध्यान भटकाने के लिए प्रेस कांफ्रेंस करते हैं, जिसमें वह झूठ का पुलिंदा परोसते हैं, भाजपा एवं केन्द्र सरकार पर झूठे आरोप लगाकर इतिश्री कर लेते हैं, जो उनकी आदत बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि यह बात मीडिया भी अच्छे तरह से जान चुका है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था को संभालने, आमजन, बहन-बेटियों को सुरक्षित वातावरण देने में पूरी तरह विफल गहलोत सिर्फ रटी-रटाई बातें बोलते हैं, जो उनको दिल्ली दरबार में गांधी परिवार को खुश करने व अपनी कुर्सी बचाने के लिए कहना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की गहलोत सरकार के शासन में ना बहुसंख्यक हिन्दु सुरक्षित हैं, ना बहन-बेटियां, ना सरकारी कर्मचारी। प्रदेश की कानून व्यवस्था के इतने बुरे हालात हैं कि जमीनी स्थिति देखें तो गहलोत ने विधायकों को खुली छूट दे रखी है, अपने-अपने क्षेत्रों में जो करना मनमर्जी करिये, पुलिस-प्रशासन को लाचार कर रखा है, कांग्रेस सरकार में इनके विधायकों द्वारा अपने क्षेत्रों में पुलिस-प्रशासन पर दवाब बनाकर मनमर्जी, तानाशाही चल रही है।
डा पूनियां ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार गिरने के डर से गहलोत इतने मजबूर हैं कि इन्होंने विधायकों को भ्रष्टाचार की भी खुली छूट दे रखी है, और सरकार को समर्थन देने के लिये इन्होंने विधायकों को प्रलोभन दिए, इस बारे में इनके वरिष्ठ नेता व मंत्री महेन्द्रजीत मालवीया भी कह चुके हैं। कानून व्यवस्था के मामले में हर जिले की स्थिति खराब हो चुकी है, ऐसा लगता है जैसे अपराधियों, भूमाफियों का राज है, जिसको कांग्रेस सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
डा पूनियां ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में जब हिन्दुओं पर हमले, अत्याचार होते हैं तो बतौर मुख्यमंत्री व गृहमंत्री अशोक गहलोत विफल नजर आते हैं, पुलिस का इकबाल पूरी तरह खत्म हो चुका है, अशोक गहलोत ना तो हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर पा रहे हैं और उपद्रव होने बाद दोषियों को बचा लिया जाता है, पीड़ित न्याय के लिए भटकते रहते हैं।
अभी करौली में नव संवत्सर पर हिन्दुओं की रैली पर समाज कंटकों ने पूर्व नियोजित हमला किया, इससे पहले बारां जिले के छबड़ा में भी दुकानों को जला दिया गया, जिसमें करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ, आज तक मुआवजा नहीं दिया और अपराधियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान गांधी परिवार को प्रसन्न रखने व उनकी नजरों मे अपने नंबर बढ़ाने के लिए गहलोत तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं, सिलेक्टिव राजनीति करते हैं, जिसमें राजस्थान के पीड़ित हिन्दू परिवार आज भी न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं, जिसमें अलवर, झालावाड़ में मॉब लिंचिंग के मामले, प्रदेश के मेवात, टोंक आदि जिलों में हिन्दुओं पर बढ़ते अत्याचार इन सब मामलों में आर्थिक संबल तो दूर की बात है, सुरक्षा व न्याय भी नहीं मिला।
डा पूनियां ने कहा कि गहलोत अपने आपको गांधी कहते हैं, सदभाव एवं शांति की बातें कहते हैं, तो फिर आपका जमीर, संवेदशीलता, राजधर्म कहां चला गया कि बहुसंख्यक हिन्दू आबादी वाले राजस्थान में हिन्दू ही सुरक्षित नहीं है, कभी धार्मिक यात्रायों पर हमले होते हैं, दुकानें जला दी जाती हैं, हिन्दु त्योहारों के दौरान कई जिलों में धारा-144 लगा दी जाती है, अब जब हिन्दुओं को न्याय की बात आती है तो गहलोत भाजपा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर झूठे आरोप लगाते हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी की लोकप्रियता व जनकल्याणकारी योजनाओं से सभी वर्गों को मिल रहा लाभ कांग्रेस व इनके नेताओं का पच नहीं रहा है, इसलिए इनके पास षडयंत्र व झूठ बोलने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि प्रदेश में कानून का राज, जनता सब जानती है, बार-बार झूठ बोलने से झूठ सच नहीं हो जाएगा।
आप इसे कानून का राज कहते हैं जहां तीन वर्ष से अधिक के कांग्रेस सरकार के शासन में 6 लाख 51 हजार से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, पिछले एक वर्ष में लगभग 7 हजार दुष्कर्म-गैंगरेप के मामले, धौलपुर में दलित महिला से उसके पति और बच्चों के सामने ही सामूहिक बलात्कार, अजमेर में किशोरी की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या, धौलपुर में कांग्रेस विधायक की मौजूदगी में उनके साथ बदमाशों ने विद्युत निगम के इंजीनियर को कमरे में बंद कर लाठियों से पीटकर पैर तोड़ दिए, कांग्रेस के एक विधायक के पुत्र पर नाबालिग से दुष्कर्म का मामला दर्ज है, राजस्थान में औसतन हर दो घंटे में एक बालिका का अपहरण, रोजाना औसतन 18 दुष्कर्म के मामले हो रहे हैं।
क्या इसे गहलोत कानून का राज कहते हैं, शर्म आनी चाहिए, और थोड़ी सी नैतिकता बची है तो मुख्यमंत्री व गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, नहीं तो 2023 में जनता आपकी और कांग्रेस की हमेशा के लिए विदाई राजस्थान से कर ही देगी।