आज 1 मार्च यानी नियमों के बदलाव का दिन। देश भर में आज से 5 नियम बदल गए हैं। यह नए नियम आपके बैंक और आप और वाहनों से लेकर खासतौर से जुड़े हुए हैं। आइए जानते हैं इस बदले नियमों से आपकी जेब पर कितना असर पड़ने वाला है।
अगर आप एचडीएफसी बैंक के ग्राहक हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। बैंक का पुराना ऐप बंद हो चुका है। आपके पास एचडीएफसी बैंक का पुराना ऐप है तो अब यह काम नहीं करेगा गूगल प्ले स्टोर पर जाकर एचडीएफसी बैंक का नया मोबाइल ऐप फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं।
दूसरी ओर भारतीय स्टेट बैंक में जिन लोगों का खाता है अगर उन्होंने अपनी केवाईसी पूरी नहीं की है अभी तक तो वे 1 मार्च से रकम की निकासी नहीं कर पाएंगे। यहां हम आपको बता दें कि पिछले दिनों एसबीआई ने अपने ग्राहकों से कहा था कि वे 28 फरवरी तक केवाईसी जरूर पूरा कर लें। बैंक ने कहा था कि केवाईसी पूरा न करने वाले ग्राहकों का खाता ब्लॉक कर दिया जाएगा, जिससे वे किसी तरह का लेनदेन नहीं कर पाएंगे।
वाहन चालकों के लिए मुफ्त फास्टैग की सुविधा भी हो गई खत्म
वाहन चालक अभी तक फास्टैग सुविधा का लाभ उठा रहे थे, लेकिन यह सुविधा केवल 29 फरवरी तक की थी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से फास्टैग को आप फ्री में नहीं ले सकेंगे। अब इस नए नियमों में उनको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। 1 मार्च से आपको इसके लिए पेमेंट करना होगा।
केंद्र सरकार ने लोगों की सहूलियत तथा राजस्व बढ़ाने को लेकर 15 फरवरी से लेकर 29 फरवरी तक फास्टैग मुफ्त में बांटने का फैसला किया था। अब 100 रुपये चुकाने के बाद आपको फास्टैग मिलेगा। यानी कि इस नियम के बदलाव में भी वाहन सवारों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।
इंडियन बैंक के एटीएम से 2000 के नोट निकलने हो जाएंगे बंद
1 मार्च से इंडियन बैंक के एटीएम से 2000 के नोट भी ग्राहक नहीं निकाल पाएंगे। हालांकि अगर किसी बैंक ग्राहकों को 2000 की जरूरत है तो वह शाखा से जाकर इसको निकाल सकते हैं।
इंडियन बैंक का कहना है कि 2 हजार रुपये के बजाय मशीन में 200 रुपये के नोटों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। इसके लिए मशीन में रखे जाने वाले 200 रुपये के कैसेट्स की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। दूसरी ओर एक और बदलाव किया गया है।
एक मार्च से लॉटरी पर 28 फीसदी की दर से माल एवं सेवा कर जीएसटी लगेगा, जीएसटी परिषद ने पिछले साल दिसंबर में राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे और मान्यता प्राप्त लॉटरी पर 28 फीसदी की एक समान दर से जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया था।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार