सिरोही। इस बार सिरोही महोत्सव ब्लैजिंग (धमाकेदार) होने वाला है। जिस मुद्दे को सबगुरु न्यूज हर बार 26 जनवरी और 15 अगस्त के कार्यक्रमों में उठा रहा था वो इस बार होने वाला है।
इस बार सिरोही महोत्सव में एक दिन का कार्यक्रम सिर्फ सिरोही के लोगों को समर्पित होगा। उसमें नृत्य, गीत, गजल आदि जैसी कला के प्रदर्शन के लिए किसी सेलिब्रिटी को चलाने की जगह सिरोही के स्थानीय लोगों को ही सेलिब्रिटी बनाया जाएगा। इस बात की घोषणा जिला कलेक्टर डॉ भंवरलाल ने सिरोही महाविद्यालय में शहनाई 2023 में की।
सिरोही में पिछले एक दशक में स्थानीय युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच दिया ही नहीं गया। जो मंच था उसे शिक्षक और जिला शिक्षा अधिकारी तब से अब तक छीनते रहे। पूर्व के विधायकों से वर्तमान विधायक और पूर्व के कलेक्टरों से वर्तमान कलेक्टर तक ये होने देते रहे।
विधायकों और जिला शिक्षा कलेक्टरों की मौजूदगी में होने वाले कई कार्यक्रमों में भी शिक्षक और जिले के शिक्षा अधिकारी बच्चों के प्रतिभा के मंच छीनते रहे और ये लोग मूक दर्शक बने रहे।
स्थिति ये हो गई है कि लोगों ने मोनोटोनस कार्यक्रम होने की वजह से कार्यक्रमों में जाना बंद कर दिया है।
इस बार का 26 जनवरी का कार्यक्रम इसका उदाहरण था जहां दर्शक ढूंढऩे से नहीं दिख रहे थे। जबकि अन्य स्थानों पर इसी कार्यक्रम को स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रतिभा प्रदर्शन का मंच बनाया हुआ है। सिरोही में इस सार्वजनिक मंच को भी जिले के शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों ने हाईजैक करके बच्चों को अपनी सांस्कृतिक योग्यता प्रदर्शित करने का मंच अपहृत कर लिया है।
एक दशक पहले महाविद्यालय का सांस्कृतिक कार्यक्रम शहनाई और शहर में होने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम झंकार यहां के युवाओं को एक मंच देता था। लेकिन, शहनाई में सिर्फ महाविद्यालय विद्यार्थी ही जा पाते थे। झनकार बंद हो गया। 26 जनवरी और 15 अगस्त का मंच और माइक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कब्जा कर बच्चों को कोरस सिंगर बना दिया है।
अपने होंगे तो जुड़ेंगे लोग
कलेक्टर का यह निर्णय सिरोही महोत्सव के इस सेशन को जो पॉपुलरिटी देगा वो शायद ही इसमें प्रदर्शन करने वाले सेलीब्रिटियों का कार्यक्रम दे पाए। स्थानीय लोगों के प्रदर्शन करने से उनसे जुड़े लोगों का जुड़ाव होने से लोग उस ओर आकर्षित होंगे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण सिरोही में नगर परिषद की ओर से आयोजित करवाई गई वार्ड क्रिकेट प्रतियोगिता है।
जिसमें खिलाडिय़ों के वार्डों का होने के कारण लोगों से जुड़ाव के वहां पर रात को भी देखने वाले लोगों का मजमा लगा रहा। कलेक्टर इस सेशन में स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्कूलों को भी शामिल कर लेवें तो छोटी उम्र से ही बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच मिल जाएगा। यूं सिरोही महोत्सव अप्रेल में होता है और इस महीने में महाविद्यालयों में परीक्षाएं चलती हैं और स्कूलों में बोर्ड की परीक्षाएं लगभग-लगभग समाप्त हो जाती हैं।