परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-माउंट आबू। ईको सेंसेटिव जोन घोषित होने के 10 साल तक माउंट आबू प्लास्टिक और पॉलिथीन से मुक्त नहीं हो पाया इस बार देश की आजादी की वर्षगांठ पर प्रशासन, वन विभाग और स्थानीय नागरिकों ने माउंट आबू को प्लास्टिक और पॉलिथीन के जहर से मुक्त करने पूर्णतः बेन करने का निर्णय किया ।
उपखंड अधिकारी कार्यालय में मंगलवार को हुई बैठक में पर्यटकों समेत स्थानीय नागरिकों द्वारा पॉलिथीन के उपयोग पर पूर्णता बैन लगाना का निर्णय किया गया है। 15 अगस्त के बाद यदि कोई इको सेंसेटिव जोन माउंट आबू आबू जोन माउंट आबू आबू में प्लास्टिक और पॉलिथीन का उपयोग करते हुए पाया जाएगा जाएगा तो पहले उससे समझाइश की जाएगी और की जाएगी और इसके बाद पॉलिथीन नियंत्रण के लिए गठित ट्रांसपोर्ट उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
-अलग-अलग चरणों में लगाएंगे पांबदी
माउंट आबू में पोलूशन पर पूर्णतया लगाने के लिए प्रशासन द्वारा चरणबद्ध तरीके से काम किया जाएगा प्रथम चरण में प्लास्टिक की मिनरल वाटर बोतल, पॉलिथीन के कैरी बैग, प्लास्टिक और थर्मोकोल के पत्तल दोने और गिलासे प्रतिबंधित की जाएंगी। यह कार्य 15 अगस्त से ही शुरू कर दिया जाएगा।
उसके अगले चरण में पॉलिथीन के पैकेट मैं बंद कराने वाले वाले दूध चिप्स आदि जैसे उपभोक्ता सामग्रियों पर विचार किया जाएगा। किया जाएगा जागरूक पॉलिथीन को पूर्णता बंद करने से पूर्व प्रशासन एवं स्थानीय संस्थाओं व व्यवसायिक संस्थानों द्वारा द्वारा संस्थानों द्वारा द्वारा व्यवसायिक संस्थानों द्वारा द्वारा द्वारा स्थानीय व्यापारियों पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को इसके लिए नुक्कड़ नाटक, व्यक्तिगत संपर्क करके तथा विभिन्न संचार माध्यमों से जागरूक किया जाएगा।
नगर पालिका द्वारा तलहटी से माउंट आबू तक तक वन विभाग के बोर्डों के बोर्डों एवं अन्य वार्डों के माध्यम से माउंट आबू में प्लास्टिक का उपयोग पूर्णता बंद होने के बैनर और होर्डिंग लगाए जाएंगे । इसके अलावा होटलों में भी माउंट आबू में प्लास्टिक बंद होने कि मानस लगाए जाएंगे लगाए जाएंगे।
– ये बनेंगे पॉलीथिन और प्लास्टिक का विकल्प
उपखंड अधिकारी कार्यालय में मंगलवार को आहूत बैठक में पॉलिथीन बैग और प्लास्टिक की बोतलों के स्थान पर मेटल की बोतल और कपड़े के थैलिया इस्तेमाल में लाई जाएंगी। माउंट आबू के किराना व्यवसाई , होटल व्यवसाई, सब्जी व्यवसाई, मीट व्यवसाई 15 अगस्त के बाद माउंट आबू में पॉलिथीन ओं प्लास्टिक प्लास्टिक की जगह कागज और कपड़ों की खेरिया ही ही इस्तेमाल कर पाएंगे।
इतना ही नहीं खाना पीना पीना के लिए अब माउंट आबू में कागज और पत्तों की पत्तल दोने दोने पत्तल दोने दोने और गिलासों का इस्तेमाल करना होगा। होटल संचालकों को होटल में आने वाले पर्यटकों को होटल में पानी भरने के लिए स्टील की बोतल देने का विकल्प भी रखा गया है ।
इसके अतिरिक्त माउंट आबू में कई जगह वाटर एटीएम स्थापित करने का भी निर्णय किया गया। इस वॉटर एटीएम एटीएम से स्टील की बोतलों में स्मार्ट कार्ड या सिखों के माध्यम से पानी मिल सकेगा। इसके लिए नगर पालिका पालिका द्वारा वाटर एटीएम स्थापित स्थापित करने वाली विभिन्न संस्थान से एमओयू करने का प्रयास भी जारी है जारी है।
-देर आयद दुरुस्त आयद
इको सेंसेटिव जोन घोषित होने के बाद भी जिस तरह से माउंट आबू धड़ल्ले से पॉलीबैग और प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल हो रहा था। इससे इको सेंसेटिव जोन के उद्देश्यों को अगर पहुंच रहा था। माउंट आबू के इको सेंसेटिव जोन घोषित होते ही वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के निर्देशानुसार इस शहरी और कस्बाई क्षेत्र को प्लास्टिक और पॉलिथीन मुक्त घोषित करने की शुरुआत हो जानी चाहिए थी।
लेकिन, 10 साल निकलने के बाद भी प्रशासनिक इच्छाशक्ति के अभाव में माउंट आबू का पर्यावरण और जंगलों के जानवर प्लास्टिक और पॉलिथीन के जहर को लीलने को मजबूर थे। बैठक के दौरान माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण के उपवन संरक्षक बालाजी करी नहीं भी इस बात को दृढ़ता से कहा कि अब बहुत हो चुका है और पॉलिथीन प्लास्टिक पर नियंत्रण करना समय पर्यावरण की मांग है।
जानवरों को सबसे ज्यादा नुकसान पर्यटकों द्वारा जंगलों और शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में तोड़ी जने वाली बीयर और शराब की बोतलों से हो रहा है। इसके विकल्प के रूप में बीयर की कांच की बोतलों की जगह टिन केन से रिप्लेस करने पर काम किया जा रहा है।
– जल संरक्षण के लिए भी किया निर्णय
उपखंड अधिकारी कार्यालय में हुई बैठक में माउंट आबू में जल संरक्षण को लेकर भी निर्णय किया। उपखंड अधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण भी आवश्यक है। इसके लिए शुरुआती दौर में दोनों प्रमुख होटल एसोसिएशन से जुड़ी 50-50 होटलों को इसके लिए तैयार किया जाएगा कि वो अपनी पानी की खपत करें।
उन्होंने कहा कि नए बिल्डिंग बायलॉज में इस बात का प्रावधान है कि स्थानीय लोग जल संरक्षण के लिए ढांचा बना सकते हैं। इसकी डिजाइन बनाकर प्रस्तुत करने पर उन्हें अनुमति दी जाएगी। इस व्यवस्था को भी 15 अगस्त से ही लागू कर दिया जाएगा।
-सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को किया जाएगा सुदृढ
बैठक में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था को सुदृढ करने के प्रयासों की भी जानकारी एसडीएम ने दी। माउंट आबू में प्रतिदिन अनुमानित 25 हजार पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों द्वारा करीब 11 टन कचरा छोड़ा जाता है। इसके विपरीत नगर पालिका के पास फिलहाल 9 टन कचरा संग्रहण की व्यवस्था है।
इसे सुदृढ करने के सम्बंध में एसडीएम ने बताया कि नगर पालिका ने 5 5 गार्बेज कलेक्टर व्हीकल, एक-एक डंपर और ट्रेक्टर खरीदे गए हैं। इसके माध्यम से डिजिटल एटेंडेंस सिस्टम से गार्बेज कलेक्शन की व्यवस्था शुरू करने की कोशिश की जा रही है। इससे जिस दिन जिस घर पर गार्बेज कलेक्शन होगा उस दिन उनके खाते से एक रुपये या जो भी निर्धारित राशि है कट जाएगी। जिस दिन गार्बेज कलेक्शन नहीं होगा उस दिन की राशि नहीं कटेगी।