जयपुर। भारत और हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में चाहे कितना भी तनाव क्यों न हो लेकिन एक ऐसी परंपरा है जो आज भी दोनों देशों के बीच कायम है। भारत का पाकिस्तान के बीच जब-जब तनाव बढ़ता है तब चाहे ट्रेन हो या बस या व्यापार की आवाजाही बंद हो जाती है लेकिन यह परंपरा 29 वर्षों से चली आ रही है। वह यह है, भारत और पाकिस्तान परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान करना।
इस समझौते के तहत दोनों देशों के लिए हर साल एक जनवरी को एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की सूचना देना अनिवार्य होता है। इन दिनों अभी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है लेकिन आज 1 जनवरी काे दोनों देशों ने 29 वर्षों से चली आ रही परंपरा को जारी रखते हुए एक द्विपक्षीय व्यवस्था के तहत अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया। यह व्यवस्था दोनों देशों को एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने से रोकता है।
दोनों देश परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की सूची का करते हैं आदान-प्रदान
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों ने ‘भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों के खिलाफ हमले पर रोक के समझौते’ के तहत आने वाले परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की सूची का आदान-प्रदान किया। यह नयी दिल्ली और इस्लामाबाद में कूटनीतिक माध्यमों के जरिए किया गया। दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर चल रहे कूटनीतिक तनाव के मद्देजनर सूची का आदान-प्रदान किया गया। इस समझौते पर 31 दिसंबर 1988 में हस्ताक्षर किए गए थे और यह 27 जनवरी 1991 को लागू हुआ। इस समझौते के तहत दोनों देशों के लिए हर साल एक जनवरी को एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की सूचना देना अनिवार्य है। पहली बार एक जनवरी 1992 को सूची का आदान-प्रदान किया गया था और यह लगातार 29वां साल है।
पाकिस्तान की पॉलिसी आतंक है
जनरल मनोज मुकुंद नरावने ने आर्मी चीफ का कार्यभार संभालते ही पड़ोसी मुल्क पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि पाकिस्तान की पॉलिसी आतंक है। पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने कहा कि अगर पड़ोसी देश राज्य प्रायोजित आतंकवाद को नहीं रोकता है तो इस स्थिति में भारत के पास आतंक के स्रोत पर हमला करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना की राज्य प्रायोजित आतंकवाद से ध्यान हटाने की सारी कोशिशें नाकाम हो गयी हैं और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में हालात सुधरे हैं।
सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवादियों के सफाए और आतंकी नेटवर्क की तबाही के कारण पाकिस्तानी सेना के छद्म युद्ध की मंशा को झटका लगा है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे से वह कैसे निपटेंगे, इस बारे में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के उकसावे या उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के किसी भी कृत्य का जवाब देने के लिए हमारे पास कई सारे विकल्प हैं।
बॉर्डर पर और बढ़ाई जाएगी निगरानी
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने आज राजधानी दिल्ली में अपना कार्यभार संभाल लिया। इस मौके पर रावत ने कहा कि पाकिस्तान पर निगरानी और बढ़ाई जाएगी। इस सवाल पर कि अब भारत का अगला प्लान पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) है, जनरल रावत ने कहा कि सेनाओं के प्लान को सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं किया जाता।
दूसरी ओर नए आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि पाकिस्तान की तरह ही अब चीन सीमा पर निगरानी बढ़ाने की जरूरत। सेनाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना लंबे समय से पश्चिमी सीमा यानी पाकिस्तान से लगे बॉर्डर पर निगरानी कर रही हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार