जयपुर। यदि प्रेमी युगल न्यूनतम वैवाहिक उम्र पूरी नहीं करते हैं तो वे लीव इन रिलेशनशिप में भी नहीं रह सकते हैं। इसी आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट ने 21 वर्षीय युवती के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे 19 वर्षीय युवक और उसकी प्रेमिका को सुरक्षा दिलाने से इनकार कर दिया है।
प्रेमी युगल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वे लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं। ऐसे में अपने परिजनों से जान का खतरा है। इसलिए उन्हें पुलिस सुरक्षा दिलाई जाए। जिसका विरोध करते हुए राजकीय अधिवक्ता शेरसिंह महला ने कहा कि समाज में अभी लीव इन रिलेशनशिप को मान्यता नहीं है। इसके अलावा याचिकाकर्ता युवती भले ही वैधानिक रूप से शादी की उम्र पूरी कर चुकी है, लेकिन युवक 19 साल का ही है।
इसलिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जब वह विवाह ही नहीं कर सकता तो लीव इन रिलेशनशिप में भी रहने का अधिकारी नहीं है। जिस पर न्यायाधीश पंकज भंडारी अदालत ने कहा कि युवक की उम्र महज 19 साल है। ऐसे में वह न्यूनतम वैवाहिक उम्र पूरी नहीं करते हैं। इसलिए वह लीव इन रिलेशनशिप में भी नहीं रह सकते हैं। कोर्ट ने याचिका खारिज कर याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा दिलाने से इनकार कर दिया।