बाडमेर। जम्मू कश्मीर के तंगधार बर्फीले इलाके की 15 हजार फीट की ऊंची चोटी पर शहीद हुए बाड़मेर जिले के पीराराम की पार्थिव देह आज उनके पैतृक गांव बाछड़ाऊ गांव पहुंची तो वहां हजारों लोगों ने उनकाे नमन किया।
हजारों लोगों की मौजूदगी में शहीद पीराराम को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। जम्मू कश्मीर में सियाचिन के तंगधार की चोटी पर आठ जाट रेजिमेंट के पीराराम तैनात थे। 21 नवम्बर को वह पांच साथियों के साथ ड्यूटी पर थे, अचानक तेज बर्फबारी एवं सीजफायर की वजह से हुई कंपन से बर्फीले पहाड़ की चट्टान टूट गई जिसके नीचे वह और उनके साथी दब गए।
जालीपा केंट से शहीद की पार्थिव देह रवाना होकर बाछड़ाऊ पहुंची। शहीद के पैतृक गांव तक हजारों लोगों ने अपने हाथों में तिरंगा थामे शहीद के जयकारे लगाते नजर आए। शहीद का पार्थिव शव जब उनके घर पहुंचा तो यहां विभिन्न धार्मिक संस्कारों के बाद पार्थिव देह को अंतिम यात्रा के लिए रवाना किया गया। शहीद की अर्थी को उनके परिजनों के साथ केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कंधा दिया।
शहीद को अंतिम विदाई से पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और आर्मी ने हवाई सात राउंड फायर कर सलामी दी। इस अवसर पर शहीद पीराराम की स्मृति में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने 10 लाख रुपए की लागत से आदमकद मूर्ति बनाने की घोषणा की।