जयपुर। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने बुधवार को रिश्वत के अलग अलग मामलों में नगर परिषद सभापति एवं पटवारी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया।
ब्यूरो के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अजमेर जिले में ब्यावर नगरपरिषद सभापति बबीता चौहान एवं उसके पति सहित तीन लोगों को सवा दो लाख रूपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया। चौहान ने अपने आवास पर परिवादी राजीव जैन से उनके भू्-रूपांतरण की स्वीकृति के एवज में यह रिश्वत ली।
परिवादी द्वारा रिश्वत देने का इशारा करते ही ब्यूरो टीम ने उनके आवास पर दबिश देकर उनके कब्जे से रिश्वत की राशि बरामद कर ली। ब्यूरों ने इस प्रकरण में सभापति के पति नरेन सिंह और एक अन्य व्यक्ति शिव प्रसाद को भी गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि ब्यूरों की टीम ने दबिश देने के बाद उनके घर की तलाशी ली जिसमें अवैध रूप से संपतियों का बेचान करने, डमी नाम से संपतियों का क्रय-विक्रय कराने और एक अन्य व्यक्ति गुरू चरण सिंह की 80 लाख रूपए की संपति का नक्शा पास कराने के एवज में वसूली गयी पांच लाख रूपए की रिश्वत और अपने नाम कराई गई 70 लाख रूपए की दूकान के इकरार के कागजात भी जप्त किए।
ब्यूरों ने तीनों को गिरफ्तार कर उनके बैंक खातों, लॉकरों और अल्मारियों की तलाशी ली जा रही है। ब्यूरों ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
इसी तरह ब्यूरो ने नागौर में पटवारी बस्तीराम को आठ हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ब्यूरो की अजमेर टीम ने बताया कि पटवारी बस्तीराम ने परिवादी भूरा राम से उसके टयूबवैल शिफि्टंग प्रक्रिया को अवैध करार करने की धमकी देकर यह रिश्वत ली थी।
ब्यूरों के अनुसार परिवादी भूरा राम अपनी टयूबवैल को अन्यत्र शिफ्ट करने के बारे में पटवारी से प्रक्रिया की जानकारी ले रहा था कि पटवारी ने इसे टयूबवैल को ही अवैध बताकर जुर्माना लगाने की धमकी देकर दस हजार रूपए की रिश्वत मांगी। बाद में आठ हजार रूपए लेना तय हुआ। परिवादी द्वारा पटवारी को रिश्वत देने का इशारा मिलते ही ब्यूरो टीम ने पटवारी को गिरफ्तार कर लिया।