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अजमेर में 'हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान' थीम पर योग महोत्सव - Sabguru News
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अजमेर में ‘हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान’ थीम पर योग महोत्सव

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अजमेर में ‘हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान’ थीम पर योग महोत्सव


अजमेर। राजस्थान में अजमेर में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रंखला में शुक्रवार से तीन दिवसीय योग महोत्सव की शुुरुआत हुई।

अजमेर रेल मंडल मुख्यालय के नजदीक जीएलओ ग्राउंड पर ‘हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान’ की थीम पर आयोजित योग अभ्यास मे बड़ी संख्या में योग प्रेमियों ने हिस्सा लिया। आज पहले दिन मंच से एनज्याटी एवं डिप्रेशन को दूर करने में उपयोगी गतिविधियों से जुड़े योग का अभ्यास कराया गया। मंच से प्रशिक्षित ट्रेनरों ने यह अभ्यास कराया और योग में हिस्सा ले रहे महिला, पुरुष, बुजुर्गों की सुविधा के लिए बड़े बड़े एलईडी भी लगाए गए। ब्राइटर माइण्ड से प्रशिक्षित बच्चों ने सूंघकर रंग बताने एवं बालों से अक्षर पढ़ने का करिशमा दिखाया।

योग महोत्सव के आयोजन संयोजक केके शर्मा आईएएस (सेनि) ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत विस्तारित कार्यक्रम आगामी 15 अगस्त तक जारी रहेंगे। इसके अन्तर्गत संस्कृति मंत्रालय, श्री रामचन्द्र मिशन हार्टफुलनेस संस्थान, जिला प्रशासन, पुलिस एवं नगर निगम के सहयोग से तीन दिवसीय योग महोत्सव का आयोजन 9 अप्रेल तक जीएलओ ग्राउण्ड में किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए। महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को सुबह 6 बजे किया गया। इसमें दिन भर ध्यान एवं योग के सत्र आयोजित हुए।

उन्होंने बताया कि योग महोत्सव की थीम हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान है। इस थीम को केन्द्र में रखकर योग, आसन, प्राणायाम, मुद्रा एवं यौगिक प्राणाहुति आधारित ध्यान कराया गए। हृदय आधारित ध्यान पद्धति के अनुसार मार्गदर्शन के साथ रिलेक्सेशन एवं ध्यान का आयोजन हुआ। यौगिक प्राणाहुति (ट्रांसमिशन) के साथ ध्यान का व्यावहारिक अनुभव कराया गया। प्रत्येक घटक के विशेषज्ञों के द्वारा इसका प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई।

योग महोत्सव रहेगा उपयोगी : मेहरा

संभागीय आयुक्त बीएल मेहरा ने कहा कि योग महोत्सव समस्त अजमेरवासियों के लिए उपयोगी आयोजन होगा। हमारी संस्कृति में निरोगी काया को पहला सुख बताया गया है। विश्व योग दिवस के अतिरिक्त योग के संबंध में संस्कृति मंत्रालय, श्री रामचंद्र मिशन हार्टफुलनेस संस्थान, जिला प्रशासन तथा नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में योग महोत्सव का आयोजन करना प्रशंसनीय कार्य है। पारंपरिक योग के साथ नवीन अनुसंधानों को भी महोत्सव में स्थान दिया गया है।

उन्होंने कहा कि ब्राइटर माइंड की प्रस्तुति में बच्चों का मानसिक विकास दिखाया गया है। प्रशिक्षण से बच्चों की छुपी हुई प्रतिभा को निखारा जा सकता है। इससे बच्चों में आत्मविश्वास विकसित होता है। इस प्रकार के बच्चे अपने जीवन में अधिक एकाग्र होकर अध्ययन कर सकते हैं। इनकी सफलता की दर अधिक होती है।

ध्यान पद्धति को किया गया सरल तरीके से प्रस्तुत : सिंघ

पुलिस महानिरीक्षक रूपिंदर सिंघ ने कहा कि भारतीय जीवन शैली में व्यायाम को विशेष स्थान दिया गया है। योग और ध्यान के माध्यम से एकाग्रता बढ़ा कर उसको नई ऊंचाइयों प्रदान करने का कार्य इस योग महोत्सव के कारण हो पाएगा। सामान्यतः ध्यान को योगियों से संबंधित माना जाता है। सामान्य व्यक्ति के लिए ध्यान जैसी पद्धति का सरलीकरण कर प्रस्तुत किया गया है। इसे प्रत्येक व्यक्ति को अपनाना चाहिए। इसका अभ्यास इसका जीवंत उदाहरण है। मानव को ईश्वर का अंश माना गया है। ध्यान के माध्यम से इस ईश्वरीय अंश का अनुभव किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ध्यान के माध्यम से एकाग्रता की प्राप्ति अपने आप में एक उपलब्धि है। ब्राइटर माइंड से प्रशिक्षित बच्चों ने आंखों पर पट्टी बांधकर पुस्तक पढ़ने जैसे कार्य किए हैं। छूकर रंग पहचानने की क्षमता बच्चों में एकाग्रता से विकसित हुई। ध्यान के माध्यम से एकाग्रता और इससे मानसिक शक्तियों का आसानी से विकास किया जा सकता है। आंखों पर बांधे जाने वाली पट्टी को भी जांचा गया। पट्टी बांधने के पश्चात कुछ भी दिखाई नहीं देता। लेकिन बच्चों ने बंद आंखों से भी अपने कौशल को प्रदर्शित किया।

होंगे योग अभ्यास के पांच सत्र

उन्होंने बताया कि योग महोत्सव रविवार 9 अप्रेल तक आयोजित होगा। महोत्सव के दौरान योग गतिविधियों के 5 सत्र आयोजित होंगे। प्रातःकालीन सत्र सुबह 6 से 8 बजे तक होगा। सायंकालीन सत्र का समय शाम 6 से 7.30 बजे तक रखा गया है। प्रातःकालीन सत्र नियमित तथा सायंकालीन सत्र शुक्रवार एवं शनिवार को होंगे। इसके अतिरिक्त शनिवार 8 अप्रेल को विद्यार्थियों के लिए विशेष सत्रों का भी आयोजन किया जाएगा।

मानसिक बीमारियों से सम्बन्धित योग

उन्होंने बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के योग विभाग के लारा शर्मा के दल द्वारा योग, आसन और प्राणायाम का अभ्यास करवाया गया। शुक्रवार के सत्र तनाव, चिंता, अवसाद, उच्च रक्तचाप और उद्वेग जैसी बीमारियों में लाभदायक योगासनों पर केंद्रित रहे। सरल अभ्यास के माध्यम से मानसिक बीमारियों के उपचार में उपयोगी आसनों का अभ्यास करवाया गया। समग्र होलिस्टिक हेल्थ का संदेश दिया गया।

इस दौरान दंडासन, शिथिल दंडासन, तितली क्रिया, रिस्ट रोटेशन, करपृष्ठ शक्ति विकासक आसन, करतला शक्ति विकासक आसन, श्वास प्रश्वास के साथ शारीरिक संचालन, ताड़ासन, उत्कंठासन, वीरभद्रासन, वज्रासन, शशंकासन और प्राणायाम किए गए। इसके पश्चात हार्टफुलनेस रिलेक्सेशन अखिलेश डाबी एवं हृदय आधारित ध्यान शैलेश गौड़ द्वारा करवाया गया। तनाव भरी जीवन शैली में व्यक्ति को तनाव मुक्त रहने के गुर सिखाए गए। मानसिक स्वास्थ्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रशिक्षित करने के अभ्यास हुए। इसी प्रकार शनिवार को मोटापा, वजन प्रबंधन तथा नियमन से सम्बन्धित गतिविधियां होगी। रविवार का दिन थायराइड एवं मधुमेह (डायबटीज) पर केन्द्रित रहेगा।

सूंघकर बताए रंग और बालों से पढ़े अक्षर

ब्राइटर माइंड प्रशिक्षक नेहा ने बताया कि ब्राइटर माइंड्स एक ब्रेन एक्टिवेशन प्रोग्राम है जो बच्चों की एनालिटिकल, रीजनिंग और क्रिएटिविटी बढ़ा देता है। इससे बच्चों के दिमाग की क्षमताओं के विकास की गति और दायरा बढ़ाया गया है। इसके लिए योग, मेडिटेशन, संगीत, नृत्य, रिलैक्सेशन और बिहेवियरल साइंस को मिलाकर बच्चों को ट्रेनिंग दी गई है। इसमें सुनने, सूंघने, स्पर्श और देखने की क्षमता को बढ़ाया गया है। बच्चों को बिना आंखें खोले चीजों का रंग पहचानने का अभ्यास कराया गया है। इसके लिए टच, फील और स्मेल को विकसित करने का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रोग्राम से लॉजिकल थिंकिंग, एनालिसिस, सीक्वेंसिंग, मैथमेटिक्स, क्रिएटिविटी, इमैजिनेशन आर्ट्स इत्यादि स्किल्स को बढ़ाकर बच्चों की ब्रेन को एक्स्ट्राऑर्डिनरी बन जाता है।

उन्होंने बताया कि ब्राइटर माइण्ड से प्रशिक्षित सुदर्शन ने ब्रेन एक्सरसाइज करवाई। उसने आरएएस एसोसिएशन के द्वारा जारी परिचय पत्र को आंखों पर पट्टी बांधकर पढ़ा। उसने कार्ड का रंग, लोगो, फोटो आदि की पूरी सटीक जानकारी दी। इसी प्रकार हो होनिषा पारिक में गणमान्य नागरिकों द्वारा दी गई पुस्तक के पेज पर से चित्र की पहचान की। साथ ही चित्रित व्यक्तियों के कपड़े तथा उनका रंग भी बताया। मनन ने कार्ड को बंद आंखों से पढ़ा। कार्ड पर बने त्रिभुज के साथ-साथ बेकग्राऊंड और त्रिभुज का रंग भी पहचान लिया। गतिक वर्मा और नंदिनी मेंघानी ने भी गेंद का रंग बंद आंखों से सही-सही बता दिया। प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों के दोनों मस्तिष्कीय गोलाद्र्धों की सक्रियता को बढ़ाया गया है।

इन संस्थाओं की रही भागीदारी

योग महोत्सव में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल समूह केंद्र 2, जेल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, एनसीसी की बटालियन, आयुर्वेद नर्सिंग कॉलेज, आर्यभट्ट कॉलेज, गायत्री परिवार, राजकीय दिल्ली गेट, होलीदडा, श्रीनगर रोड, गुलाब बाड़ी, रामगंज, मीरशाली, आदर्श नगर तथा सेंटर गर्ल्स स्कूल, पतंजलि द्वारा अपना सहयोग प्रदान किया गया।

इस अवसर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कमांडेंट महेंद्र कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी, उच्च सुरक्षा कारागृह के अधीक्षक पारसमल जांगिड़, कोषाधिकारी प्रतिभा चुंडावत, शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक भागचंद मंडरावलिया, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी शाहबुद्दीन, उद्यमी सुगन सिंह गहलोत द्वारा भी योग किया गया।