अजमेर। कांग्रेस के वरिष्ठ गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हिंदुस्तान की राजनीति में पहली बार छह माह से ज्यादा समय से जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री एवं अन्य लोगों को बिना किसी मामले के नजरबंद रखा गया है।
अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह जियारत के लिए आए राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म करने से दो दिन पहले ही इन नेताओं को निगरानी में ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला पर तो पीएसए पहले ही लगा दिया और अब महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को भी पीएसए के दायरे में ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जम्मू कश्मीर के इन नेताओं को छोड़ देना चाहिए क्योंकि वहां शांति के प्रयास चल रहे है और उसमें इनका भी योगदान है। उन्होंने कश्मीर में शांति बाहली के प्रयासों की वकालत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के एकतरफा प्रयासों की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह काम सामूहिक प्रयासों से ही हो सकता है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कल होने जा रहे मतदान के सवाल पर आजाद कहा कि वह इतना ही कह सकते है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार निश्चित है।