बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर पोक्सो विशेष अदालत ने इंटरमीडिएट की नाबालिग छात्रा का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार के बाद दुपट्टे से गला घोट कर हत्या करने के मामले में तीनों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई और प्रत्येक पर दो लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रेखा दीक्षित ध्रुव वर्मा और विशेष लोक अभियोजक भरत शर्मा ने यहां जानकारी देते हुए बताया कि दो जनवरी 2018 को कार सवार तीन युवकों ने चांदपुर रोड बुलंदशहर निवासी नाबालिग छात्रा का उस समय अपहरण कर लिया जब वह साइकिल से ट्यूशन पढ़कर अपने घर लौट रही थी। अभियुक्तों ने छात्रा के साथ चलती कार में ही दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया और बाद में उसके दुपट्टे से गला घोट कर उसकी निर्मम हत्या कर गौतमबुद्धनगर जिले के दादरी क्षेत्र की एक नहर में उसके शव को फेंक दिया था।
इस संबंध में नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की और घटना के दो दिन बाद दादरी नहर से उसका शव बरामद किया गया। पुलिस ने सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की मदद से अपहरण में प्रयुक्त कार अपहरणकर्ताओं की शिनाख्त की और जांच में प्रकाश में आए जुल्फीकार अब्बासी दिलशाद और इजरायल उर्फ मालानी निवासी सिकंदराबाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामला सुर्खियों में आने पर तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जांच के बाद जुल्फीकार अब्बासी समेत तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 376, 364 302 201 और पोक्सो एक्ट के तहत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
मुकदमे की अंतिम सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश पॉक्सो राजेश पाराशर की अदालत में हुई अभियोजन पक्ष की पैरवी एडीजीसी रेखा दिक्षित ध्रुव वर्मा विशेष लोक अभियोजक भरत शर्मा और पीड़ित पक्ष के वकील अनिल गौड़ ने की। अभियोजन पक्ष ने अपने कथन के समर्थन में कई गवाह न्यायालय में पेश किए कई साक्ष्य भी दाखिल किए गए। वहीं बचाव पक्ष ने अब इनकी कहानी को झूठा बताया पोक्सो न्यायाधीश राजेश पाराशर ने गवाहों के बयान पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर तीनों अभियुक्तों को नाबालिग छात्रा का अपहरण कर चलती कार में दुष्कर्म करने दुपट्टे से गला घोट कर हत्या करने और सबूत मिटाने के उद्देश्य से बालिका के शव को नहर में फेंक देने का दोषी करार दिया सजा के बिंदु पर आज बुधवार को दोनों पक्षों को सुना गया।
अभियोजन पक्ष ने जहां इसे जघन्य अपराध मानते हुए अभियुक्तों को कड़ी सजा देने की मांग की वहीं बचाव पक्ष ने न्यायालय से रहम की अपील की। एडीजे ने अपने न्याय निर्णय में इस मामले को जघन्य घटना मानते हुए इसी समाज के लिए घातक बताया है। एडीजे का कहना है कि बालिकाओं का संरक्षण एवं सुरक्षा देना देश समाज सहित सभी का कर्तव्य और तीनों युवकों ने जो कुछ किया वह सामाजिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। इस कारण अभियुक्तों को कड़ी सजा दिया जाना जरूरी है। पोक्सो न्यायाधीश ने जुल्फीकार दिलशाद इजराइल उर्फ मालानी को फांसी की सजा सुनाने हुए प्रत्येक पर दो लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में लिखा है कि फांसी की सजा का आदेश उच्च न्यायालय के अप्रूवल के बाद ही अमल में लाया जाएगा। उन्होंने तीनों अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जिला जेल भेजने के आदेश दिए हैं।